हार नहीं मानना है,, गालिब का शेर है सुबह होती है ,शाम होती है,, उम्र यूहीं तमाम होती है। सब दिन कोई राजा नहीं रहता मतलब दोस्त बेशक आज उसका है लेकिन कल हमारा होगा इसी आशा और विश्वास के साथ बस, हार नहीं माननी है।।
किस जिंदगी के लिए परेशान है यारों हम सभी ?? जिसकी नीव इन दवाओं से बनी है .. या जिनके रास्ते बड़े बड़े अस्पतालों की तरफ जाते है?? कहते तो सभी है ... ये शरीर पंचभूतों की बनी है । लेकिन अच्छे से देखो तो ये भी मिलावटी रसायनों में सिमटी है .. कुछ एक ही है जो मरते कुछ एक बार है वर्ना इंसान जन्म लेता जरूर एक बार है लेकिन .. मरता हज़ार बार है हज़ार बार है ।।
मित्रता इतनी कमजोर कब से होने लगी?? हम अपने दिल से तूफान का एक छोटा सा टुकड़ा क्या बाहर किए उनकी सुनामी सुनने के लिए प्रतिबद्ध हो गए और ऐसा ना किया तो खुदगर्ज बन गए माना कि तू मेरा सबसे अच्छा यार है तेरे साथ समय बिताना मजेदार है भावनाओं का बवंडर हो या फिर रास्तों का अंधकार तेरे पास हर चीज का है एक सुलझा हुआ जवाब तो बीच में खुदगर्ज शब्द का जन्म कैसे हो गया मेरे यार? अब छोड़ो जब सोच लिया तुमने तो तुमको क्या गलत कहे दूरी तुझको अच्छी लगती है तो हम कैसे मना करें||
एक इंसान है.. जो जब भी मिलता है न, कर्जदार बना जाता है । हे ईश्वर तुझसे इतनी सी गुजारिश है कि.. मुझे इस काबिल बना कि, उसका कर्ज उतार सकूं, लेकिन कर्जदार हमेशा बना रहूं।।
जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो । ये बहरों का इलाका है जरा जोर से बोलो ।। आंखो में है कुछ दिल में है कुछ होठों पर कुछ है। यूं बोल रहे हो तो किसी और से बोलो ।। इस शहर की कुछ लोग जड़े काट रहे है। ये बात अगर है तो महापौर से बोलो।।