Sandeep Choudhary   (Sandeep Choudhary)
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Joined 18 May 2019


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Joined 18 May 2019
29 APR AT 11:31

घोड़े सा दिल था ,, मगर था बेलगाम ,, ना दिल दिया उन्होंने ,, ना लिया सलाम # #

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23 APR AT 20:55

धर्म देखकर हमला हुआ ,, किसी के लिए शोक तो किसी के लिए जुमला हुआ # #

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23 APR AT 20:52

सबके जज़्बात हैं सब की शिकायतें हैं मर्द और औरत की अलग अलग रियायतें # #

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23 APR AT 20:49

बातें बहुत हैं मगर कोई बात नहीं ,, साथ बहुत हैं मगर कोई साथ नहीं # #

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22 APR AT 22:27

सब सहना कुछ ना कहना जिम्मेदार रहना ,,ऐसा क्यूं है रे बापू तू # #

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22 APR AT 18:04

सजावटी दुनिया ,, बनावटी लोग ,, लाखों डॉक्टर ,, करोड़ों रोग # #

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22 APR AT 13:29

सह ना सका बस इतना सा भार ,, जग जीत कर घर में गया हार # #

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22 APR AT 13:25

चरित्र पतन से बड़ा कोई गदर नहीं ,, सच्चे इंसान की आजकल कदर नहीं # #

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21 APR AT 23:32

सब ने सुनी सब ने सराही ,, कहानी औरत की ,, ना जानी किसी ने बेबसी मर्द की ,, सिर्फ चर्चा हुई शौरहत की # #

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21 APR AT 23:23

मर्द को भी होता है दर्द ,, खांसी जुकाम और सर्द # #

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