आज से हम एक नई शुरुआत करेंगे,
अब से हम तुम्हें याद नहीं करेंगे।-
आज भी याद है वो दिन जब मैं चंद लम्हों के लिए तुमसे मिलने आया,
तुम्हारा वो हाथ थामने का स्पर्श अभी तक अपने ज़हन से मिटा न पाया।-
वादे तो किये थे तुमने उम्र भर साथ निभाने के,
क्या हुआ कुछ ही दिनों में तुम्हारा दिल भर गया??-
कहने को तो मेरा जन्मदिन था आज, पर ये दिन भी उदास कर गया।
सुबह से बैठा था किसी खास के आने की तलाश में, पर शाम आते आते दिल और डर गया॥
यूं तो तेरे और मेरे बीच कुछ न बाकी बचा, पर आज क्यूँ तेरी आवाज़ सुनने को तरस रहा है दिल।
पिछले साल वाले इस दिन के तेरे संग गुज़ारे अफसाने को याद कर रहा है दिल॥
पिछले साल तो तुमने मुझे रात को 12 बजे जन्म दिन की बधाई दी थी, इस साल तुम्हें कुछ भी याद न रहा।
पता नहीं कैसा कठोर दिल है तुम्हारा, जिसे ये फर्क नहीं पड़ता मैं जी रहा हूँ या मर रहा॥
आज भी तेरे पिछले साल वाले मेरे सभी जन्मदिन साथ मनाने वाले वादे को याद कर रहा हूँ मैं।
चाहे तुमको खो चुका हूँ पर आज भी तुम्हारी झूठी कसमें और वादों के सच्चे होने की आस में जल रहा हूँ मैं॥
कहने को तो मेरा जन्मदिन था आज, पर ये दिन भी उदास कर गया।
सुबह से बैठा था किसी खास के आने की तलाश में, पर शाम आते आते दिल और डर गया॥-
तेरी इबादत में ही सारा वक़्त गुज़ार देते है,
शायद यही वजह से रब खफ़ा है मुझसे।-
बिखर गई है मेरी ज़िन्दगी तेरे बिना,
एक बार आकर गले लग कर इसे समेट जा।-
मुझे पता है तुम वापिस नहीं आओगी,
पर फिर भी अपनी हर शाम तेरे इंतज़ार में बर्बाद करता हूँ।-
अगर उस दिन तेरी अदाओं पर कायल न होता,
यकीनन आज तेरी इस बेवफाई से घायल न होता।।-
काश मुझे पता होता तुम मेरी मौहब्बत का ये सिला दोगे,
मैं उस दिन तुम पर यूँ कायल न होता।।-