शिकायतों का दौर अब खत्म हुआ
खुद से खुद की यारी है ।
कौन कहे अब किसे सुने
सबके सर पर अब नई जिम्मेदारी है।।-
जाए😍
जो हम जुबां से बयां नहीं कर सकते
वो हम लिख द... read more
महिलाएँ अपने आप में सशक्त और पूर्ण हैं, इस वक्तव्य में कोई दो राय नहीं है।
आइए उन पुरुषों , स्त्रियों की भी सराहना करें जो उन्हें मात देने के बजाय उनकी तरक्की और साथ चुनते हैं।
सच्ची ताकत एक-दूसरे को ऊपर उठाने में निहित है, और ऐसी दुनिया में जहाँ पुरुष और महिलाएँ एक-दूसरे का समर्थन करते हैं, वहाँ हर कोई जीतता है, न की केवल एक स्त्री...
सच्ची साझेदारी आपसी सम्मान, प्रोत्साहन और विकास में है....
और शमां शुक्रिया कहना चाहती हैं अपने पूरे परिवार को जो उसके साथ खड़ा हैं दरकिनार सभी परिस्थितियों के...!
महिला दिवस की शुभकामनाएँ❤️💐-
अपना रवैया किसी के साथ इतना तल्ख भी न रखें कि नर्म मिजाजी भी अपने मिज़ाज से ही गायब होने लगे और किसी दूसरे का लगाया हुवा स्टेटस भी हमें अपने लिए लगने लगे...
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अगर आप किसी रिश्ते में अपने प्रति बदलाव महसूस कर रहे हैं, तो इसमें आपको यह देखने की जरूरत है कि यह बदलाव अचानक नहीं हुआ है इसके पीछे है अपेक्षा,आपसी द्वेष, कुछ हद तक कहा जाए तो दूसरे-तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप जो कि हर रिश्ते का लाज़मी दुश्मन है।
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कड़वा है मगर सच है ।
अपने बच्चे की देखभाल करते करते एक मां अपने ही घरवालों की नजरों कामचोर और लापरवाह हो जाती है...
🤱 बेशक वो आपका सब काम करती हो बस वक्त का तकाजा है कि इधर से उधर ना हो।
काम जब इतना ज़रूरी है तो रिश्तों को क्यों सींचे एक मां..
और अगर मातृत्व है ज़रूरी तो क्यों ना एक मां ही बनी रहे एक मांं...
कड़वा है मगर सच है।।-
हर चेहरे के पीछे छुपी है अनगिनत कहानियां
फिर भी वो छुपाए फिरते हैं तुझसे ए शमा
वो नादां इतना नहीं समझते कि हम हर किरदार से वाकिफ है ।
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"शमां" का इज्ज़तों एहतराम का मसला सिर्फ इतना सा है कि ये कहकर करवाईं नहीं जाती...
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हम सभी भारतीयों का सपना साकार
करने ले आए हमें ...राखी बांधने
we are on the MOON 🌚-
सभी के साथ नर्म लेहजे से पेश आया करें ..
क्योंकी आपको नहीं पता कि सामने वाला किस हालात से गुजर रहा है ।
So be kind to every one-