जगह-जगह नाना प्रकार की चाय की फ्रेंचाइजी टाइप टपरियाँ देख हमारी भिसियां दूध देना ही बन्द कर दिए हैं।
बाल्टी लेकर जाओ तो बोलती है मालिक इधर काहे आये हो..उधर ही गुड़ वाली सुड़क लिया करो!!🤣😍-
लिखने में रूचि है। सब कल्पना स्वरुप लिखता हूँ..
इश्क़-मोहब्बत का कोई लफड़ा नहीं है।😇
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'दिल्ली प्रदूषण'
डरता हूं तेरे शहर आने से...
कहीं मोहब्बत मेरी धुँआ-धुँआ
न हो जाए..!!😍🤣-
वर्षों से इक पुराना दुरभाष नम्बर मेरा
चल रहा है वो अब भी ...
फ़क़त, तुम्हारे कॉल आने की प्रतीक्षा में..!!
#Writer_SamRath_Patidar✍️❣️-
मैंने भावुक होकर पूछा-
बिछड़ने के बाद मेरी यादों का क्या करोगे.?
वो बोले:- सर्दी बहुत है..अलाव जला लेंगे।
(कम्बख़्त ने सारी फीलिंग्स में ठण्ड घूसा दी।)😏
―Writer_SamRath✍️
😎😍😅-
उससे मिलने की महक अब भी
मौजूद है मुझ में...
कहीं धूल न जाए महक उसकी,
इसलिए आज भी नहाया नहीं हूँ मैं..!!
―Writer_SamRath✍️
😅😂😜😎-
एक बात याद रखना कि डर
के आगे जीत हो सकती है,
लेकिन ठंड के आगे जीत
कभी नहीं होती..!!
ठंड के आगे-पीछे, दाएं-बाएं
चारों तरफ ठंड ही ठंड होती है।
इस भ्रम में रहकर ठंड में नहा मत लेना।
- Writer_SamRath✍️
😅😊🤗😎-
अरसे बाद आज किसी खास से बात हुई,
क्षणिक बातों में ही...जैसे दिन से रात हुई,
दिल के बागबां खिलखिला उठे...यूँ हमारे
जैसे महकते-महकते दोस्ती पारिजात हुई।-
बारिश होते ही
याद आती है मुझे
तुम्हारे हाथों से
उबाली हुई चाय...
जिसके हर एक घूट में
हो सकता था महसूस
मुझे तुम्हारा प्रेम...
अबके भी बारिश तो हुई
लेकिन नहीं ले सका
तुम्हारी बनाई चाय का स्वाद..!!
☹️😔-
तन्हाइयों की नींद में ख़्वाब सजा जाए कोई,
कल्पनाओं की चाहत को हकीकत बना जाए कोई,
इक नया इतिहास रच देंगे हम भी
बस, दिल से लिखने की वजह बन जाए कोई।
- - - --
उससे मोहब्बत होने की महक
अब भी मौज़ूद है मुझमें....
कहीं धूल न जाए महक उसकी
इसलिए अब तक नहाया नहीं मैं.!!😍😜-