Dekhte hi dekhte kab life active se passive voice bn gayi pta hi nahi chala
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Wish me on 8 jan
Baba nagri "KASHI"
Milkr janoage toh acha lgunga....
Sam... read more
हर रोज छुपाता हूँ आँशु आँखों में ,
किसी रोज तो आएँगी खुशियां मेरे भी दामन में ||-
कड़वा सच
तुम्हारी शोहरत पे तो पूरा शहर तुम्हारा रिश्तेदार बन जाएगा |
गलती से थोड़ा बदनाम हुए तो देखना तुम्हारे अपने भी तुमसे अनजान हो जायेंगे ||
❤️❤️
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टूटकर बिखरना इतना भी आसान नहीं है जनाब ,
बहुतो से धोखे खाने पड़ते है उसके लिए ।-
सबके किस्मत में कहा होता है फिर मिलने के वादे करना साहेब , हम सब बिछड़ने वाले है इसका एहसास तक ना था हमे ।
(Final year Batch 2020)-
मेरे हर कहानी के सारे किस्से सच्चे होंगे ,
कहीं न कहीं वो मेरे जिंदगी के ही हिस्से होंगे ।-
*वीरान शहर*
रुक सी गयी है जिंदगी थक सी गयी है जिंदगी , भरा भरा सा हूँ फिर खाली है सब कुछ , कभी भागती थी जिन्दगिया मुझमे आज मैं ही रुक सा गया हूँ , ना सुबह होती थी ना शाम का पता चलता था हाँ तीनों पहर मेरे दिल पे एक सैलाब चलता था , लोग उमड़ते थे झुण्ड बढ़ता था एक अलग सी भीड़ बस्ती थी मुझमे , कोई रोटी के लिए था यहां , कोई रोटी देने वाला बन बैठा था यहां , कुछ को पसंद थी मेरी यह रफ़्तार तो कुछ की मजबूरिया थी अपार जो उन्हें मुझमे ही रहने को मजबूर कर जाती थी , हां मुझमे हवा नहीं थी उतनी साफ़ शायद भीड़ ही तो थी उसकी वजह , फिर भी लोग थे अपार , आज मैं साफ़ भी हूँ खाली भी हूँ लोग भी है शायद थोड़े कम , पर रफ़्तार रुक सी गयी है और मजबूरी बढ़ सी गयी है |-
सफर सुहाना होगा यह तो पता है ,
पर शुरुआत कब होगी यह नहीं पता|
मंजिल फिर मिलेगी यह तो पता है ,
पर सफर की शुरुआत कब होगी यही जानना है ||-
हर बाये के बाद बाते दुबारा नहीं होती ,
कुछ आखिरी भी होते है |-
अगर सबसे आगे नहीं रह सकते , तो सबसे पीछे रह कर सबसे बेहतर तो हो सकते है ।
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