उसके प्यार में दीवानी मै दुनिया को भूल बैठी हूं। उसका बनने की चाहत में आसमां को चूम बैठी हूं। ख़्वाबों का पिटारा लेकर चल पड़ी हूं उसके दर पर... उसके मिलन की खुशी में अपना सुधबुध खों बैठी हूं।
सही वक़्त का इंतज़ार करते वो पल छुट जाता है। वक़्त किसिका मोहताज नहीं होता है। हर वक़्त को सही बनाने का तजुर्बा रखना है। जिस वक़्त के लिए ताउम्र सोचते रहे वो कल किसी और के नाम हो जाता है।