Sameer Kumar Pandey   (समीर कुमार पाण्डेय)
57 Followers · 7 Following

"बहता जल और हमको बराबर ही समझें!"
Joined 26 April 2021


"बहता जल और हमको बराबर ही समझें!"
Joined 26 April 2021
11 APR 2022 AT 20:25

ऐ मोहब्बत तेरा होना भी कमाल है
तेरा होना ऐसा जैसे चर्खी-झूले पर बैठना
ऊपर जाना ऐसा जैसे खुशी का अम्बर पा जाना
और वो नीचे गिरने से क्षण भर पहले जैसे धक्क से लग जाना,कमाल है
ऐ मोहब्बत तेरा होना कमाल है।
Ferris Wheel - चर्खी-झूला

-


24 MAR 2022 AT 22:13

Winter
Spring
Summer
Monsoon
Autumn

-


19 MAR 2022 AT 20:26

किनारा, भी कमबख़्त इस बात पर
कि हमने उन्हें समझा नहीं
कभी इतनी महँगी क़ीमत चुकाई है इश्क़ में,
अब तुम ही बताओ यार
आख़िर कुछ तो समझाओ यार
चलो दूर जाना है,चले जाओ यार, अच्छा है
पर हमें अपना तो बताते जाओ यार।

-


4 MAR 2022 AT 21:17

वो समझेंगे हमें! बस यही सोच कर जिंदगी का एक दौर बिताया हमने
एक दौर आगया है कि अब ख़ुद को समझा रहें हैं हम।

-


26 FEB 2022 AT 23:37

कौड़ियों के दाम भी बिकने को तैयार थे उस ख़रीददार के ख़ातिर
कि अब क्या बताऊँ यार तुमको
उसने इस सौदे को भी घाटे का समझ लिया ।

-


25 FEB 2022 AT 21:47

☺️🤗

-


19 FEB 2022 AT 23:28

जी भर के देखने की ख़्वाहिश थी तुम्हें
कमबख्त जी भर आया बस यही सोचते सोचते ।— % &

-


27 JAN 2022 AT 13:16

एक कोरे कागज़ पर आकृति बनाई
ग़लती बस इतनी हो गई कि पेन्सिल की जगह कलम का उपयोग हो गया
और अब उस रबड़ की तलाश में हूँ जिसका मिलना मुमकिन नहीं है
मिल जाए तो कुछ अंश शायद मिटा पाऊँ।

-


22 JAN 2022 AT 22:52

दुःख भी बड़ा अजीब है ये सिर्फ ग़रीबों की झुग्गियों में ही नहीं बल्कि अमीरों के मकानों में भी मिल जाता है वो भी महज़ 12-13 साल के बच्ची के रूप में, जिससे ये तथाकथित अमीर उम्मीद करते हैं कि वो एक 42-43 साल की महिला की तरह व्यवहार और कार्य करे। समझना मुश्किल है ग़लती उस बच्ची के किस्मत की है या फ़िर उन मानव रूपी जानवरों के बुद्धि की या कुछ रुपयों की।
क्योंकि 12 साल के एक बच्ची के कर्म की बात तो की नही जा सकती।

-


15 DEC 2021 AT 20:51

जिंदगी के कुछ पल पुराने कपड़ो से हो जाते हैं,
जिन्हें जिस्म पर तो नहीं पहनते हम पर फेंक भी नही पाते।

-


Fetching Sameer Kumar Pandey Quotes