खतम होते दिसंबर के महिन में,
एक बात सीखायी हैं,
मोहब्बत भरे दिन बोहोत चंद लम्हो के लिए आई हैं...
ना ठुकराना उसे जो तेरे लिए
अपने घर-अपनो को चोर आई हैं...
हाथ थाम लेना उसका वो सारी दुनिया से लड़के
तुम्हारे पास आई है..(कनक)— % &-
दिल टूटा है मगर
कभी बिखरा नहीं आज तक..
मुझपे ज़िम्मेदारिया बोहोत है
इस लिए रुका नहीं आज तक— % &-
ऐसा नहीं
की तेरी जगह पे कोई और आ गया,
लेकिन अब तेरा मुकाम भी
अब तेरा ना रहा।
(कनक)-
अच्छी थी कहानी मगर
अधूरी रह गयी,
इतनी मोहोब्बत के बाद भी
दुरी रह गयी। 😊-
kisi Ne Kya Khub kaha tha
mujhse_ki
Ye Banaras hai, yaha Zindagi khatam
nahi hoti_Balki Yaha Zindagi ko,
jeene Ka Hoonar_sekhaya
Jaata hai....☺-
जब इंसान ही नहीं रहेंगा तो
उनकी गलतियो का क्या करेंगे..!
यहाँ चन्द मिनटों में ज़िंदगीया गुज़र जाती हैं,
तो छोड़ देते हैं ना...
आगे बढ़ते हैं।
(कनक)-
भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा महोत्सव की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
सभी पर महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का आशीर्वाद सदा बना रहे।
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हो अगर इज़ाज़त तो
चुम लू तेरे माथे को,
जिस्मानी रिश्ते तो सिर्फ जिस्मो
तक होती हैं ज़नाब
इज़हार-ए-इश्क़ के लिए रूहानी
रिश्ते ही दिल को भाते हैं।
(कनक)-