Samarth saxena  
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Joined 14 March 2021


Joined 14 March 2021
16 APR 2023 AT 8:37

बस इन्ही चीज़ों में रात भर उलझा लिया खुद को...
तुम्हे सोचा और याद किया फिर समझा लिया खुद को।

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13 MAR 2023 AT 23:15

बहुत चाहने पर शायद मिल जाती होंगी कुछ चीज़ें
मगर बहुत चाहने पर भी मिलते नहीं हैं कुछ इन्सान
ये बात मैंने बहुत नाचाहते हुए सीख ली है।

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6 MAR 2023 AT 23:22

कभी सोचा है....
भाग रहे हो जिसके पीछे अगर मिल गया तो क्या करोगे।
ये जिसे तुम सुकून कहते हो उस से सुकून ना मिला तो क्या करोगे।।

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7 JAN 2023 AT 21:45

जो नहीं आता उसका इतना इंतज़ार क्यूं?
उसके लिए अपना ये हाल क्यूं?
वैसे तो इस दुनिया मे बहुत सी चीजें प्यारी हैं,
पर जो नही मिलता उसी से इतना प्यार क्यूं?

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31 DEC 2022 AT 22:11

मैं दिसंबर, और वो शायद जनवरी थी।
पूरे साल का इंतजार केवल तन्हाई थी।

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29 OCT 2022 AT 23:37

मैं अब इसलिए भी शायद याद नहीं करता उसे क्योंकि इन धडकनों का शोर अब रास नहीं आता मुझे ।

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8 OCT 2022 AT 22:32

कल रात सारे गम आसमान को सुना दिए मैंने आज मैं चुप हूं और आसमान बरस रहा है।

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14 JAN 2022 AT 10:21

कुछ बोलने या बताने का जमाना नही , क्योंकि सुनने वालों की दुनिया समझने वालों की नही ।

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25 JUN 2021 AT 14:11

जिस्म की दरारों से मेरी रूह नजर आने लगी , काफी हद तक तोड़ गया मुझे इश्क तेरा ।

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23 JUN 2021 AT 23:03

वो एक इंसान मेरे दिल से निकलता नही जिसकी जिंदगी से मैं कबका निकल चुका हूं।

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