जीवन एक खेल की तरह है; कहाँ हारना है और कहाँ आपको जीतना है यह किसको पता- इससे पहले कि आप कुछ हासिल कर सकें जीतने के लिए आपको आंधीका सामना करना पड़ता है।
साल दर साल कोई नहीं समझता कुछ भी स्पष्ट नहीं होता और हम केवल अपनी हालातों से डरते रहते हैं ।।
एक आत्ममुग्ध दानवको... ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ जब चीजें हाथ से निकल जाती हैं, सिर्फ तभी आप अपनी दोष समझते हैं- नहीं तो आप बड़े अच्छे हो; है ना? आपके शैतानी के कई चेहरे; और आप सोचते रहते हैं कि आप इतने अच्छे क्यों हैं! अगर यह मेरे बस में होती तो मैं आपको समझा देती, कि आपकी इस भोले भाले चेहरे के पीछे जो असली चेहरा है- वह कितने डरावना है। हम खुद आपसे डरते हैं।।
हम आपकी राजवाद में खुश नहीं हैं- शांति कहीं नहीं है- आप सुन पा रहे हो एक गूंज उठा है- आप भयानक हो, हां आप ही वह भयानक हो।
বুঝিয়ে বলা... ******************************* আমি বুঝতে চাই। কিন্তু কোথাও টের পাই এই বোঝাই হয়ে উঠবে 'বোঝা'। কারণ, হয়তো নয় অতো সোজা খোঁজা- অর্থ 'জীবনের'। তবু প্রায় কঠিনের পাড়ে দাঁড়িয়ে- এক পা এক পা এগিয়ে, আমি বুঝতে চাই- পড়ে থাকা জীবনটাই।
Not so far away, on the edge of the forest, That paved pier. Some neglected flowers were in the branches. Some of the dried flowers dropped on the pier- Some fell on the steps of the ghat, And also in the water of the mere below. And right there My drunken heart was lost that day.
वह एक नए देश, जहा हम सब इकट्ठे हुए। हमारे चेहेरेपे मुस्कान थी, आंसूभी थे- मन में खुशी थी जो, आकाश तारों से भरा था, पेड़ों में पक्षी थे। और पंछिया चहक रहीथी।
एक दिन था जब बहुत सारे गाने थे, वह धुन आज मेरी आत्मा में रोती है। वे सब कहां चले गए?
आज वह मधुर पुनर्मिलन टूट गया है, आज वह हँसी और रंगीन खेल छूट गए हैं। तारे कहाँ और कब गिरे, आकाश क्या उसे याद करता है?
ডানা মেলে উড়ে যেতে চাই, কিন্তু সময়টা বড় বিচ্ছিরি। ঘরে বসে তাই ভাবতেই থাকি এর পরে ছাই কি যে করি! লোকে বলে পড়না কিছু অথবা দেখো ওয়েব সিরিজ কত আর পড়ি,আর কত দেখি মুঠোফোনটি বড়ো পচা জিনিস।