मेरे मुँह में " गुटका " है ,
लेकिन उसके बावजूद
में लोगो को "गन्दगी"
न करने और "नशा" न करने का
ज्ञान पुरे दिन देता हु .-
"कलयुग में सब कुछ बदल जायेगा ,,
सच , समय , परिस्थिति , सोच , पसंद ,
समय उल्टी दिशा में घूमने लगेगा ."
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ये आज कल की दोस्ती भी अजीब है ,,
तब तक ही साथ देती है ,,,
जब तक आपके पास कुछ दिखाने को है ,
और जब तक उनके पास देखने को कुछ है .-
परिवार का अर्थ बंधन नहीं होता ,
परिवार " मानसिक , शारीरिक ,
और सामाजिक " आजादी का
प्रतीक होना चाहिए , पालतू "शेर "
कभी शिकार नहीं कर सकता ,
उसी तरह परिवार की आड़ में कोई
इंसान " जीवन " की कठिनाइयों को
नहीं समझ सकता .-
पुरानी सोच , पुराना तरीका , पुराने लोग ,
पुरानी चीज़ो का सच कुछ ऐसा
ही है की , ये सब १ समय के बाद
किसी काम के नहीं रह जाते ,
और गति के लिए समय के साथ
चलना जरुरी है , वरना आप पीछे ही रह जायेंगे .-
सर्कस की १ खास बात ये भी थी , जो १ बार सर्कस देख कर जाते वो वापस लोट के नहीं आते , फिर भी सर्कस चलता रहा , लोग आते रहे , लोग वैसे ी जाते रहे .
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कुछ सर्कस देख हस्ते तो कुछ अंत देख रोने भी लग जाते ,
कुछ लोग पूरा सर्कस देखते , तो कुछ , बिच में ही " न जाने क्यों उठ कर चले जाते .-
जिंदगी के हालातो ने ये तो जरूर सीखा दिया ,,,
नाकामियाब इंसान रहा तो कोई बात नहीं ,
लेकिन ,"" नसेड़ी ""तो नहीं बनूँगा किसी भी चीज़ का .
" जिन्दा हो तो सब मुमकिन है ,
मर गए तो सपने भी नहीं देख पाओगे " .-
मंजिले भी मिल जाएँगी ,
साहस ,बलिदान तो करो ,
रूठे भी पिघल जायेंगे ,
अपनों जैसा प्रयास तो करो ,
रास्तो से भटक जाओ तो , परेशान होने की क्या जरुरत है ,
जहां से चलना छोड़ा था , वही से फिर चलने की शुरुआत तो करो .-
अगर फ़क़ीर हो तो ,,
कही भी टिक न पाओगे ,
और अमीर हो तो जहा भी हो ,.
वही पे जन्नत बनाओगे ....
" if you think you are rich ,
Then make your dream home where you are " ..-