Sam   (Cricket-chai-ishq-dosti)
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Zindagi hai jab tak.. chai pivani.. cricket ramvani.. majja ni life
Joined 4 June 2020


Zindagi hai jab tak.. chai pivani.. cricket ramvani.. majja ni life
Joined 4 June 2020
15 JUL AT 21:37

मरा नहीं अभी, ज़िंदा हुं, थोड़ी सांस अभी बाकी है
ये आंखे बंद नहीं होती, तेरे आने की आस अभी बाकी है

Mara nahi abhi, zinda hu, thodi saas abhi baki hai
Ye ankhe band nahi hoti, tere aane ki aas abhi baki hai

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2 JUL AT 9:30

That One Friend in Ludo game

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19 JUN AT 13:43

Friend: bhai thodi to izzat kar le

Le me :

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15 MAY AT 11:22

kabhi sun lunga ae zindagi tujhe bhi, aram se baith kar
Abhi tujhe sawarne mei, batiyane ki fursat kaha

कभी सुन लुंगा ऐ ज़िंदगी तुझे भी, आराम से बैठ कर
अभी तुझे संवारने में, बतीयाने की फुर्सत कहां

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29 APR AT 17:41

मैं आशिक हुं साहब
धडकन बस उसके नाम से चल रही है
मुझसे कोई और मर्ज ना पाला जाएगा
ये इश्क की बिमारी जो चल रही है

Mei ashiq hu sahab
Dhadkan bus uske naam se chal rahi hai
Mujhse koi aur marz na pala jayega
Ye ishq ki bimari jo chal rahi hai

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29 APR AT 15:54

तुम्हारे जाने के बाद
कुछ आबाद ना रहा
बस एक तुम याद रही
कुछ और याद ना रहा

Tumhare jane k baad
Kuch abad na raha
Bus ek tum yaad rahi
Kuch aur yaad na raha

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12 APR AT 9:10

Dete the wo tarjih kabhi duniya jahan ki
Ab humara jikr bhi nahi unki baaton mei
Online toh rehte hai par jawab nahi aata
Shayad koi aur aa gaya unki raaton mei

देते थे वो तर्जीह कभी दुनिया जहां की
अब हमारा जिक्र भी नहीं उनकी बातों में
Online तो रहते है पर जवाब नहीं आता
शायद कोई और आ गया उनकी रातों में

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7 APR AT 9:44

गुजरना उन रहो से जिनसे मैं गुजरा हूं
और मुझसे बेहतर हालात करना
एक बार पहन के देखो मेरा लिबास
और फिर मेरे दोस्त मुझसे बात करना

Gujarna un raho se jinse mei gujra hu
aur mujhse behtar halat karna
ek baar pehen k dekho Mera libas
aur phir mere dost mujhse baat karna

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6 APR AT 12:20

क्या करेंगे हम उनसे तुलना खुद की
जिन्होंने हमें अपनी काया दि है
खडे रह कर कडी धुप में ताउम्र
जिन्होंने हमें ठंडी छाया दि है

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4 APR AT 22:32

लिखना तो चाहता हूं, पर कैसे लिखूं अपने अहसास को
जब तुझे देखा था पहली बार, उस लम्हे खास को
कहां से लाऊं वो हरफ, जो बया करे मेरे आभास को
लिखना तो चाहता हूं, पर कैसे लिखूं अपने अहसास को

बहुत कुछ कहना है कैसे समझाऊं मेरे दिल की बातों को
कैसे बया करू जो काटि है तेरी यादो में उन रातों को
कैसे समझाऊं मेरी मुहब्बत मेरे अंदर के जज्बात को
लिखना तो चाहता हूं, पर कैसे लिखूं अपने अहसास को

कभी मुझे शब्द नहीं मिलते और कभी तुम नहीं मिलते
इश्क जुदा है अपना इस बाग में ऐसे फूल रोज़ नहीं खिलते
कौन समझेगा मुहब्बत मेरी और मुहब्बत की आस को
लिखना तो चाहता हूं, पर कैसे लिखूं अपने अहसास को

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