एक रात मैंने ख़्वाबों से कहा कि अब तो रिहा कर दे मुझे उसकी यादों के जंजीर से... अरसों से हम साथ नहीं, साथ भी रहे जब तक रहे बर्बाद ही... पलट कर जवाब आया कि छोड़ दूं तुझे तेरे यार जैसा ऐसी मुझमें बात नहीं, और कर दूं रिहा तुझे उसकी यादों से और तू रह जाए जिंदा ऐसे तेरे हालात नहीं...।
दिल को हजार दफा मिले खुशियाँ, फिर भी एक ग़म की वजह से हमेशा रोता है... कोई रास्ता बदल ले तो मंजिल किसी और का बदल जाता है, कम होता है कभी, कभी बढ़ता पर ये दर्द कहाँ खत्म होता है..
आज लंबे अरसो बाद नजरे टकराई है इस तरह, जैसे कि मुझको वो ले गया है मुझीसे। तोड़ कर सारी रिवाजें मैं तो आ जाऊँ हर रोज उसी जगह, पर तेरा नया हमसफ़र कभी मिलने देता ही नहीं मुझसे।
रातें भी हैं और बातें भी हैं, रात तो चली जाएगी सिर्फ बात अधूरी रह जाएगी!!! गम तो बस इतना है कि जिन अश्कों की कहानी को तू ना समझ पाया और लोग समझ गए बस वही रात अधूरी रह जाएगी!!!
तुझसे कोई फरियाद नहीं, हर वक्त बस मन को समझाती हूँ कि चल कोई बात नहीं!!! अचानक से आया इस बार तू नज़रों के सामने कि जिस मोड़ पर छोड़ा था तूने अब वो मोड़ भी मुझे याद नहीं!!!
कुछ पता नहीं होती क्या है जिंदगी, क्या किसी को खोना इसका नाम है या खोकर भी उसे मिला देना इसका काम... जाने कौन सा मंजर है ये जिंदगी, ना हो पाती कभी पूरी सदियाँ और कभी याद रह जाती बस एक शाम।।