हमेशा तुम्हें दिल याद करता है
सुबह तंग गलियों से गुजरते हुए
दूर से सुनाई पड़ती आरती की गूंज में
पड़ोस से आती खाने की खुशबू में
गली में दौड़ते बच्चो की चहक में
घने अंधेरे में, दूर से आती हुई
एक मात्र रोशनी की तेज में
थक हार के सोती पसरायी सड़को पे
किसी लाल रंग के दुप्पटे की छोर से
टिफ़िन में पड़ी मैगी के स्वाद में
दौड़ती भागती जिंदगी के शोर में
सफेद शर्ट की चमक में
घड़ी के टिक-टिक करती हुई आवाज में
हां हमेशा तुम्हें दिल याद करता है !
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चेहरे तो वक़्त के साथ गुजर ही जाते हैं
पढ़ते रहिए खुश र... read more
तुम्हें देखती हूं तो लगता है "संकल्प किसी विकल्प के अधीन नहीं होना चहिए" तुम्हारी दृढ़ता और मेरा आत्मसमर्पण निरंतरता के वो समीकरण है जिनके आधार पर जीवन का अर्थ सिद्ध होता है!!
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कुछ ख़्वाब आज ऐसे पूरे हुए है की
गली का हर नुक्कड़ मैखाना हुआ है
उसने बोला की ज़रा थम के जशन मनाना
जाम, इंतजाम और तमाम नहीं
बस जी भर के लिखूंगी
'पिया' का घर आना हुआ है
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अब, किस उम्मीद से ये कह दे
की अगले जन्म में मिलना तुम
न जाने कितने पिछले
जन्मों से झूठ बोल रही हूं!!-
तुम इस वर्ष भी
उतनी ही खूबसूरत लग रही हो
छोटी मात्रा के घुघंट में
माथे पे प्यारी सी बिंदी लगाए❣️❣️-
"मैं तुम्हे चांद तारे तोड़ के नहीं दे पाऊंगी"
अपनी सबसे कीमती वस्तु देना चाहूं तो,
मैं तुम्हारे लिए चाय छोड़ सकती हूं.....-
किसी पन्ने के कोने पे,
तुम्हारा नाम लिख के छोड़ दिया था...
आज मन हुआ वो नाम देखने का
पर पता नहीं कब, किसने, कैसे,
वो पन्ना बड़ी बारीकी से मोड़ दिया था।-
"लगातार हारने से भी महानता
के श्रेणी में आ जाओगे"
लड़े थे तभी तो
भूमि पे गिरे थे
भले शरीर से
अधमरे थे
परंतु हौसले तो
तब भी ललकार
के खड़े थे
छुपे रहे वो जो
निर्जीव बने पड़े थे!!-
स्वाभिमान
जब अपनी सीमा
रेखा लांघ जाता है
तब वह अहंकार के
नाम से जाना जाता है-