कितने फरेब हो गए हैं मुझमें आज कल,
तेरी जुबां पर किसी का जिक्र होते ही जल उठता हूं,-
↗️👉👉जज्बातों❣️❣️ को अल्फाजों✍️✍️ में पिरोने की एक कोशिश, श... read more
और छोड़ गई हैं
बस एक निशानी
जो अक्सर कुरेद
देती है जख्मों को
और कर देती है
यादों को ताजा
और हम भी चले जाते हैं
अतीत में अपने
उन पलों को जीने
जिसके बिना जीना
मजाक से ज्यादा कुछ ना था
सोचता हूं काश
बदल दूं मै अपना अतीत
पर अफसोस हर बार
लौटता हूं खाली हाथ
मायूस होकर
और मेरे इश्क का वजूद
कुछ भी नहीं रहता
वर्तमान में
एक कहानी के सिवा-
तुमसे आखिर मुझे गिला क्या है
किसी को इश्क में मिला क्या क्या है
कोई आबाद यहां और कोई बरबाद हुआ
इश्क में ऐसा सिलसिला क्या है-
वो क्या है कि मैं इस कदर लुट चुका हूं
ना तुम पास आना न आवाज करना
जो कल फिर से उठ जाऊं मजबूत बनकर
तुम फिर इश्क करना फिर बरबाद करना-
यूं मुस्कुराहटों के तौर तरीके तमाम है
हर हंसी प्यार से निकली हो जरूरी तो नहीं-
इश्किया इबादत के हुशनिया मोहब्बत में
मगफिरत मिली भी तो वो मकाम ही न मिला
एक अर्शिया कोशिश सिजदा ए मुकम्मल को
उसके लव खुले भी तो वो कलाम ही न मिला-
क्यूं मुझको लगे मेरे मुकद्दर की खता है
मैं सच कहूं तो मेरे ही अंदर की खता है
घर अपना बनाऊंगा मैं दरिया की रेत पर
घर गिर गया अगर तो समंदर की खता है-
बेवजह उसकी मुझसे बात ना कर
तन्हा रह ले किसी का साथ न कर
इस कदर दे रखी है हिदायत उसने
ख्वाबों में मुझसे मुलाकात ना कर
याद कर भूलने की कोशिश थी
हुक्म है भूल से भी याद ना कर
कितने दिन कट गए इबादत में
कम से कम रातों को खराब ना कर
कीमत हर चीज की होती है यहां
इश्क किसी से भी बेहिसाब ना कर
सलमान तू बर्बाद है तो अच्छा है
अब उसे और भी आबाद ना कर-