सब ने अपनी अपनी शलामती मांगी ,
फिर मैंने पुकारा आए खुदा मेरा इश्क़ !-
न मोदी जी से कोई उम्मीद न राहुल पे भरोसा,
पता नहीं हम दिल टूटे अशिक़-कों के दिन कब बदलेंगे!-
हम जैसे टूटे दिल वालों के लिए भी,
योगी सरकार को कोई कदम उठाना चाहिए!-
एक हमें आवारा कहना कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं,
दुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैं !
हबीब जालिब शाहब का शेर-
देखके उसे कहानी की सुरू रात हुई थी,
वो कहानी जो कभी खत्म भी होनी थी,
क्या इन दो आँखों सारा कुसूर था,
या दिल की भी कोई साजिश थी,
ना सलीम,
न आँखों का कुसूर था,
न दिल की साजिश थी,
जो था वो उसके इश्क़ का बुख़ार था,
जो था वो उसकी चाय का खुमार था!-
क्या अज़ीब मंजर था वो,
मौत सामने खड़ी थी,
और वो प्रेम कहानी सुना रही थी!-
माफ कीजिये जनाब,
किसी के सलाह की ज़रूरत नही है हमे,
मेरी माँ ने मुझे अपने फैसले लेने का,
सलीका बचपन मे ही सीखा दिया था।-
तू थक गया है मेरे हमसफ़र, तू यहीं बैठ आराम कर,
मैं ज़रा देख के आता हूँ, कि रास्ता कहाँ तक गया है!-
मयखाने में शराब-और-दर्द की मुलाकात थी,
कि शराब भी रोने लगी और दर्द भी रोने लगा!-