एक ख्वाहिश, मेरी ख्वाहिशों में और जुड़ गया
एक दिल में,एक दिल और जुड़ गया
एक दुआ में, एक दुआ और जुड़ गया
न जाने ये कब हुआ?
कोई अनजाना सा, अब जान हुआ
बस वो साथ रहे, आखिरी सांस तक
वो वक्त की तरह न छुटे, आखिरी वक्त तक-
SAKSHI SINGH🎀
(SAKSHI SINGH✨)
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Chill🤩with chili 🌶️ and chillam 🥂
Joined 7 July 2020
17 JUL AT 22:39
3 JUL 2024 AT 1:08
हर चमकाने वाली चीज़ हीरा नहीं होती हैं
और हर एक हीरा कोहिनूर नहीं होता हैं-
12 FEB 2024 AT 13:08
बागों में कोई अच्छा फूल मिल जाएगा
जरूरी नहीं की सबकी पसंद गुलाब हो
बस नज़रों से उसका दीदार हो
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10 OCT 2022 AT 16:34
मेरी आँखो में तुम्हारी ही कमी है😥
जिंदगी चाहे कितनी भी अच्छी क्यों न हो
लेकिन भईया इसमें आपकी कमी है......!-
25 AUG 2022 AT 23:01
ज़ख्मों को ज्यादा देखने से
खुशियाँ कब अनदेखी हो जाती है
हमें पता ही नहीं चलता !
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3 AUG 2022 AT 11:00
सच कहूँ तो मुझे एहसान बुरा लगता है,
जुल्म सहता हुआ इंसान बुरा लगता है,
कितनी मसरुक हो गयी है ये दुनिया,
एक दिन ठहरे तो मेहमान बुरा लगता है।
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10 JUL 2022 AT 6:26
“अगर किसी परिस्थिती के लिए आपके पास सही शब्द नहीं हैं
तो सिर्फ मुस्कुरा दीजिये.
शब्द उलझा सकते हैं
पर मुस्कराहट हमेशा काम कर जाती है…… !
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