तू मेरा था तुझको तो जाना नहीं था,वफा का मगर वह जमाना नहीं था। मै खुद ही भटकती रही रास्तों पर,मेरा सौख मंज़िल को पाना नहीं था। जो था दर्मियां अपने कुछ और ही था, मुहब्बत का लेकिन फसाना नहीं था।❤️
ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो ये दो लाइन याद रखना! जो खोया उसका गम नहीं, पर जो पाया है वह किसी से कम नहीं, जो नहीं है वह एक ख्वाब है पर जो है वो लाजवाब है।