21 SEP 2019 AT 21:23

झुक-झुक कर सीधा खड़ा हुआ।
अब झुकने का शौक़ नहीं।।
अपने ही हाथों रचा स्वयं।
तुमसे मिटने का खौफ नहीं।।
तुम हालातो की भट्ठी में जब-जब मुझको झोकोगे।
तप-तप कर सोना बनूगा मैं तुम कब तक मुझको रोकोगे।।

# अमिताभ बच्चन #

- SAKSHI SINGH