आशिक़ी का तगाजा यही है,
ना हम बदले ना तुम हम से बदलो..
अरे, तुम तो ऐसे बदलने लगे हो ,
आज तक कोई बदला नहीं है।।।-
आज जो हम इतने कड़वे लगने लगे हैं...
जनाब....
अपनी कौन सी सच्चाई से रूबरू हुए हैं...!-
कोई कुछ भी कहे...
तुम उसे कह लेने देना....
जज़्बात और उसूलों कि ,
इस जंग में, किसी को भी जीत लेने देना.....
पर यूंही तुम मेरे साथ रहना...
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तुम कुछ मत सुनना
बस यूंही मेरी आंखो को पढ़ना....
हालात मेरे , जज़्बात मेरे,
वो खुद ही बयां कर देंगें....
क्या हो तुम मेरे लिए
वो अहसास करा देंगे.....🌸♥️
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मै हर जाम उनके साथ पीना चाहता था...
पर क्या करू जनाब...
उन्हें किसी और संग पीना था ये जाम-
एक डर है दिल में, तुम्हारी इस खामोशी से
जान ना ले जाए मेरी , तुम्हे सुनने की चाहत में..🥀
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वो शायरी जैसी है तो, मै शायर बनना चाहता हूं....
वो नदी जैसी है तो, मै साहिल बनना चाहता हूं....
वो सावन है तो, मै बरसात बनना चाहता हूं....
बनारस की शाम को उनके साथ जीना चाहता हूं....
सच कहूं....!
तो मैं उनका हमराज बनना चाहता हूं.....।♥️
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बचपन का उल्लास था...
जवानी के दिनों में , यौवन था श्रृंगार था...
हे प्रभु...🙏🏻
ऐसा हो कि बुढ़ापे में , उन यादों का साथ हो
और आपकी चरणों में, इस जिंदगी कि शाम हो...।
✨🌸💫
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मील का पत्थर बोल पड़ा
तुम आगे निकलो , तुम तेज़ चलो...
मेरी परछाई में न रहो
तुम नए मील के पत्थर बनो...।-