Sakshi Shukla  
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From shahdol
ब्राम्हण 🍁
स्व - रचित कविताएं......
Joined 2 December 2019


From shahdol
ब्राम्हण 🍁
स्व - रचित कविताएं......
Joined 2 December 2019
7 JUL AT 22:23

।। मित्रता।।
अनजान नहीं , जाना पहचाना किस्सा है।
हम सबकी जिंदगी का यादगार हिस्सा हैं.
कभी जन्नत का एहसास हैं।
कभी अंगारों सी झुलस हैं.
कभी चांद का दाग हैं।
कभी सूरज सी आग हैं.
कभी साथ में हंसना जिंदगी है।
कभी बिन बोले समझना सादगी हैं.
कभी हजारों लम्हों की यादें हैं ।
कभी बचपन में किए कुछ वादे हैं.
कभी एक दूसरे के राज हैं ।
कभी तेरा औदा बेताज है.
कभी कलम से लिखे कुछ शब्दों की सतह हैं ।
हमारे साथ की हर मोड़ पर फ़तह हैं...

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28 JUN AT 14:49

नि : संदेह दुखद है
स्वप्नों का
टूट जाना...
किंतु
उससे भी अधिक
दुखद है
टूटे स्वप्नों से बाहर
न निकल पाना..

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13 MAY AT 0:18

रात की सुबह हो चली , दो तारे रह गए....
आंसू सूख चलें मगर दर्द सारे रह गए....

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14 APR AT 15:14

You shine like the stars so bright ,
As lovely as flowers in morning light
The moon adorns your gental grace
With the sweetest smile on your face.

The world is dust beneath your feet ..
Yet you walk with a charm so sweet
Even heaven envies your glow ..
So , मत उदास हो।

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28 FEB AT 11:37

।। विज्ञान।।
यह आसमान नीला है क्यों ये भी बतलाता विज्ञान
यह इंद्रधनुष सुंदर कैसे ये भी सिखलाता विज्ञान
बिना हवा कैसे आग बुझे इसका करवाता हैं ज्ञान
फिर पानी में कैसे आग लगे ये भी सिखलाता है विज्ञान
बुलबुले कैसे उड़ते हैं ये भी हमको सिखलाए
अंधकार में भी रंग बिरंगी रोशनी हमको दिखलाएं
जाने कैसे आसमान में उड़ते ऊंचे हवाई जहाज
आओ जाने प्रकृति को कितने सारे है इसमें राज!
कैसे बर्फ पानी और पानी से भाप बन जाती हैं
कैसे आग केवल मोम नहीं लोहा भी पिघलती है
और जानिए कैक्टस कैसे बिन पानी के ही उग जाए
और जानिए जमती बर्फ पर कैसे पेंगुइन चल पाए
क्यों निकलता दिन और फिर क्यों हो जाती है रात
कैसे दूर विदेश में बैठे हम फोन पर कर लेते हैं बात
चांद पर कैसे जाने का करवाता है ज्ञान
नई खोज और नए विचार को जानने के लिए पढ़ें विज्ञान...

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25 FEB AT 13:57

सफ़र कोई भी हो तो कहानी बन जाती हैं
वक्त के सफ़र में जिन्दगी पुरानी बन जाती हैं...

आंखों में छुपी है अब बेचैनियाँ कितनी
कभी हंसी तो कभी पानी बन जाती हैं ...

दिल के किस्से अक्सर अनकहे रह जाते हैं
एक आह निकलती है और निशानी बन जाती हैं...

ख़्वाब जो देखे थे तूफान के साथ बिखर गए
तन्हाई जब गहराती है तो वीरानी बन जाती हैं ..

प्रेम और परवाह जब भी गले लगाते है मुझको
रिश्तों की मुलाकात फिर से दीवानी बन जाती हैं...

जरा सी ग़लती क्या की हमने दुनियां सयानी बन जाती हैं
घर से बाहर निकले भी नहीं और बात आसमानी बन जाती हैं ..

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4 DEC 2024 AT 22:17

जब हम दिल से मुस्कुराते थे...

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2 DEC 2024 AT 22:04

सुर्खियों में हैं आज कल बेसब्री मेरी ,
ज़रा सुकून के किराएदारों से पूछो उनपे कितने उधार है...

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1 DEC 2024 AT 22:15

मैं और चांद.....
और उससे कुछ अनकही बाते.....

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24 NOV 2024 AT 12:33

कहने को बहुत से लोग हमने हमारे देखें
वक्त आने पर किनारा करते सहारे देखें,

शख्सियत थोड़ी धुंधली थी हमारी
कांटों से बिछे थे जो गुलाब के बहारें देखें,

औकात से ऊपर उठने की तालिम दी हमने भी
नहीं हमने टूटते तारे से दुआ पूरी करने के इशारे देखें,

मशवरा मांगने आया था साकी जुर्म - ए- दर्द का 'साक्षी '
कि कातिल फिर कत्ल करें कहां ऐसे नजारे देखें...

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