कोई तो दरिया होगा
जिसके किनारे मेरी भावनाएं रहतीं हैं,
ना जाने कैसी लहरें बहती हैं,
कि वो बस डूबती,
और डूबती ही रहती हैं।।
काजल से लिखी भावनाएं भी
सियाही भांति
बहती, बस बहती ही रहतीं हैं।।-
खूबसूरती तो बहुत थी उस महफ़िल में,
पर नज़रों ने खूबसीरती ढूंढी थी
नज़ारों को तराशते हुए,
नज़रों को आप पसंद आए...!-
कैसी भी वाणी बोलिये,
जब कोई सुनने को ना होये।
औरन को क्या ही सीतल करे,
आपहुँ कैसे सीतल होये..!!-
कभी हों आस पास इतने
मेरी सुनने को आतुर,
मुझे सब कहने को आतुर।
कभी हों आस पास इतने
जिन्हें मेरी वाणी लगे मधुर,
जिन्हें मेरी हवाएं लगें मधुर।
कभी हों आस पास इतने
जिन्हें मैं ना चाहूँ तो भी
लगे मेरा होना ही गुरूर।
परंतु, चाहूँ जब मैं बोलना
तो कोई नहीं है ढोलना..
मीठी वाणी का क्या करना
जब खुद से ही बस बातें करना...!!!-
दिल को समझना पड़ेगा,
खुद ही सुलझना पड़ेगा,
रोते हुए उनके लिए अब
खुद चुप होना पड़ेगा..!
एक एक लम्हा बंटोरना पड़ेगा,
उन्हें 'अंदर' संजोना पड़ेगा,
उनकी खुशी के लिए
रो कर भी हँसना पड़ेगा..!-
कब तुम समझोगे कि वक़्त कम है,
कब तुम जानोगे तुम्हारा जाना भी ग़म है।
ये हँसना रोना चलता रहेगा,
पर तुम्हारे साथ ये वक़्त दोबारा नहीं मिलेगा।
कि तुम चले जाओगे एक दिन,
कैसे जियेंगे तब तुम बिन,
उस दिन को याद कर ही आंसू आते है,
उस दिन क्या हाल होगा हम नहीं जानते हैं।
कब तुम समझोगे वक़्त कम है
तुमसे कैसे बात करें नहीं जानते हम हैं।
तुम्हरे साथ कुछ सपने सपने ही रह जाएंगे,
और इतिहास के पन्ने फिर पलट कर सामने आयेंगे।
कब तुम समझोगे कि वक़्त कम है।।
सच में कम है..!!-
तेरे प्यार में भीगे थे हम,
ऐ दिलबर, इंतज़ार है कि
फ़िर वाही बारिश लाए तू...!!-
You can't unlove me...
Whether you own me or not,
Because LOve is not choice, its your need.-
तब कितनी बातें होती हैं!
जब इतनी चाहत होती है,
तो क्यों इज़हार नहीं करते!
जब इतनी राहत मिलती है
तो क्यों तुम प्यार नहीं करते!
जब इतनी मोहब्बत रखते हो
तो क्यों नफ़रत जताते हो!
जब नज़रें ही प्यार छलकाती हों
तो क्यों ज़हर बोलते हो !
तुम चाशनी की सी फितरत हो
क्यों खुद को यार नही समझते ?-
I know all this, but better you tell me..
It will stabilize our bond..-