सुबह से रात हो गयी।। पर ना जाने ये जिंदगी कहाँ खो गयी।। सूरज भी निकला और शाम भी ढल गयी।। लगा जैसे खुशियाँ कहीं रूठ के सो गयी।। बीता हुआ कल आजकल हमारी जीत बन गया।। पर आने वाला कल कई जादा भयभीत बन गया।। हमारी जिंदगी अनेक इम्तिहानो की मीत हो गयी।। ना जाने ये जिंदगी कहाँ खो गयी।। 🙃
महक गुलाब सी और ज़ुबाँ काटों सी रखते हैं।। आजकल लोग गुलदस्तों से भी सस्ते हैं।। चार दिन की चाँदनी के लिए चार बार चाँद को परखते हैं।। गर बात उनके मेहबूब की खूबसूरती पर आ जाये।। तो उस पल के लिए वो चाँद को भी बदसूरत समझते हैं।।🧡
इश्क़ का वादा बिना सोचे समझे कैसे कर जाते हैं लोग।। जन्नत तक साथ देने की बात कर के।। चंद धर्म जातियों में बिखर जाते हैं लोग।। आखिर कैसे करे कोई अपना इश्क़ मुक्कमल।। यहाँ दुआ माँगने के लिए भी मंदिर मस्जिद की सोच में पड़ जाते हैं लोग।। 💖
सच्ची मोहब्बत तो उन्होंने निभाई थी।।❤ देश के ख़ातिर अपनी जान गवाई थी।।🇮🇳 झुकने ना देंगे तिरंगे को अपने जीते जी।।❤ ये कसम उन्होंने अपनी माँ की गोद में खाई थी।।🇮🇳 सच्ची मोहब्बत तो देश के वीरों ने निभाई थी।।❤ जब जब आँच पड़ी तिरंगे पर।।🇮🇳 अपनी बंदूकें उन्होंने सरहद पर अड़ाईं थी।।❤ देश के खातिर उन्होंने अपनी जान गवाई थी।।🇮🇳
किस किस को गुनहगार कहें इस जिंदगी के खेल में।। खिलाड़ी भले ही हज़ार हैं, पर खेल तो हमारा है ना।। अपने अपने अंदाज़ में मज़े तो सब ले रहे हैं।। पर ख़ुदा से आखिरी हिसाब तो हमारा ही है ना।। 💖
उन्होंने पूछा? जाम पे जाम पिये जा रहे हो, ऐसी भी क्या बात है।। किसी से मोहब्बत है, या बेवफ़ाई की सौगात है।। हमने कहा।। 😅 अरे ना इश्क़ है, ना किसी से मुलाकात है, बस नये साल की शुरुआत है।। ❤