कभी-कभी छोटे भाई बड़े भाई का फर्ज निभाते हैं... अपनी सारी ख्वाहिशों को भूल जिंदगी से लड़ना सिखाते हैं .......!!!
Sakshi jaiswal अल्फाज ✍️✍️-
हमारी अल्फाज अच्छी लगे तो लाइक फॉलो जरूर करें... धन्यवाद 🙏🏼हमें अपना कीमती वक्त द... read more
उन्हें खबर तक नहीं थी ,की हम कहां खो गए
जो ख्वाबों में भी साथ थे... ना जानें वो कहा खो गए-
झूठे इन्सान इस तरह तोड़ जाते है, की फिर किसी और पर विश्वास नही कर पाते
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कुछ राज है ऐसे ,
छिपे जज़्बात हो जैसे
बिखरे पन्नों के अल्फाज हो जैसे ,
कुछ अधूरी कहानी के किरदार हो जैसे....!!!
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उन ज़ख्मो का हिसाब देते जाना ,उन झूठे वादों को तोड़ तुम्हारा चले जाना, हमे बीच राह में छोड़ जाना.....
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अक्सर वो रात लंबी हुआ करती है ,जो दर्द से भरी रहती है ...काली घटाओं की तरह छाई रहती है, अक्सर वो और रात लंबी हुआ करती है ......
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इन झूठे लोगों से खुद को बचाना है ,अपनी दुनिया खुद बनाना है.. जहां आंखों में आंसू ना हो, लबों पर झूठे मुस्कान ना हो .. जहां जंजीरों से बंदे सपने ना हो, जहां काले आसमान ना हो .....!!!!!
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कितना कुछ अनकहा रहे गया , जिन्दगी के आखिरी पन्ने का साथ था... बीच पन्ने में ही अधूरा रहे गया।।।।
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लिखी मैंने अपनी जिंदगी की थोड़ी सी सच्चाई ,अल्फाजों में ही मैंने अपनी पहचान बनाई..
"ना डॉक्टर ना इंजीनियर "बस कलम से अपनी पहचान बनाऊं ✍️ खुले हैं आसमान बस अपनी जंजीरों को भी खोल पाऊं.... कुछ ऐसा लिख जाऊं अपनी हर मंजिल को पा जाऊं .. मेरी पहचान मैं खुद बना पाऊं , गिरि तो उठना सीख जाऊं.. बिखरे सपनों को उड़ान दे पाऊं....।।।।।-
मैने वह मंजर भी देखा है ,उड़ते हुए पंछी को गिरते हुए देखा है...
मैंने वह मंजर भी देखा है ,टूटते हुए इंसान को संभलते हुए देखा है...
झूठे मुस्कान के साथ लोगों को जीते हुए देखा है , अपने गमो को खुद में छुपाते हुए देखा ...
मैंने वह मंजर भी देखा है, हौसलों को उड़ान भरते हुए देखा .....!!!!-