17 FEB 2019 AT 13:42

फिर वही दर्द फिर वही हाल
फिर वही याद फिर वही ख्याल
फिर वही तुझे सोचने से सुबह
फिर वही तेरी यादों के साथ शाम
फिर वही ज़ख्म की वजह "तू"
फिर वही दर्द की दवा भी "तू"

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