sakshi goenka   (Sakshi Goenka)
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Joined 2 July 2019


Joined 2 July 2019
30 AUG 2022 AT 17:18

मैंने उम्मीद की थी खुद से कभी,
कुछ शाम इंतज़ार किया था मैंने भी कहीं|
कुछ चीजें तबाही बनकर आई,
तो कहीं कोई तकलीफ को मैं अपना ना पाईं|
अंधेरी रातों में कहानियाँ आगे बढती है मेरी,
दिन के उजाले में तकदीर रूक जाती है मेरी|
पहाड़ की तरह मजबूत बनकर रहना था ,
लेकिन अकेले में आंसुओं को बहना ही था|
मेरी जीत पर शाबाशी अगर दो,
तो मेरी हार के वक्त भी मुझे हारने मत दो|

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10 AUG 2022 AT 8:56

दोस्ती...
बारिश में तुम्हारी छत्री है दोस्ती
ट्रेन को आगे बढाने वाली पटरी है दोस्ती
पैन की श्याही है दोस्ती
ऐसी भी क्यू ही है दोस्ती
रोते हुए का रुमाल है दोस्ती
हंसते हुए की मुस्कान है दोस्ती
जीने की वजह है दोस्ती
घर वालो के लिए सजा है दोस्ती
पहला प्यार है दोस्ती
पहला नशा है दोस्ती
फूल की महक है दोस्ती
पानी का रंग है दोस्ती
उड़ते परिंदे का आसमान है दोस्ती
पहली बरिश में मिट्टी की खुशबू है दोस्ती
जिंदगी में हर चिज़ का कॉम्प्लिमेंट्री है ये दोस्ती
सबदो में ना ब्यान होने वाली कहानी है दोस्ती
ऐसी ही ह ये दोस्ती

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17 MAR 2022 AT 17:45

हिचकियाँ

क्या थी ऐसी मजबूरीया,
जिसके लिए हमें दी सिस्किया,
सिर्फ इतना बता दो ये क्यू किया,
आति रहेगी तुम्हे हर पल हिचकियाँ ....

ढूंढती है आंखें तुझे जब मैं जाउ उधर,
अभी तो था यहाँ अब है किधर,
बचकानी हरकतों से हो गया है सबसे दूर,
आता है चेहरा नज़र चाहे मैं जाउ जिधर .....

आएगी हर पल तेरी याद,
रोता छोड़ गया घर वालो को अपने बाद,
रह गई उनके हाथो में बस तेरी बात,
मुश्किल है रहना उनके लिए इस सब के बाद...

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8 FEB 2021 AT 19:45

कभी इतना टूटे हो की रोना भी ना आए

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7 OCT 2020 AT 7:27

An unexpected blessing is coming your way. Now is your time.

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5 OCT 2020 AT 21:31

I can feel the spiritual power of my mom all around me when I need her the most.

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18 SEP 2020 AT 13:23

कुछ सब्र मैंने भी किया था कुछ हौसला उसने भी दिया था
अरे मोहब्बत नहीं जनाब ऊपर वाले के आशीर्वाद का

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14 SEP 2020 AT 14:48

आँखे फिर नम है आज मेरी
सांसे कुछ कह रही है आज मेरी
वो सामने आया तो टूट जाएंगी
फिर उसने गले लगाया तो तू बिखर जाएगी
खौफ है उसका कहीं मन में आज भी
खुद को खोने का डर है आज भी
सता रहा है कुछ अंदर आज भी
डर है मुझे कहीं उसका आज भी

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1 SEP 2020 AT 10:58

अकसर अंधेरा रोज़ देखा है मेने
अब थोड़ी खुद की रोशनी भी चाहिए।

रात तो हर दफा दरवाजे पर आतीं हैं
लेकिन इस बार खुद का सवेरा भी चाहिए।

आंसू तो मेरी इन आंखों के मोहताज ठहरें
एक दिन की प्यारी सी हंसी भी चाहिए।

कुछ पल के लिए ही सही
मुझे मेरे सपनों को जीने का मौका भी चाहिए।।

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2 AUG 2020 AT 22:47

Life goes on

Trying to lost the count of my life but it goes on,
Trying to left my reflection behind it still goes on,
whenever I tried I found nothing and it taught me to go with the flow
But now
Everyone become ecstatic the journey is beautiful so let the life go on.......n the life goes on.

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