मेरे चेहरे का हर राज़ भांप गया आँखों में छुपा प्यार पढ़ लिया होंठों की मुस्कान में दर्द देख लिया झुर्रियों में तज़ुर्बा ढूंढ लिया उम्र के हर पड़ाव की जंग पहचान ली मेरे हर राज़ को अपने आग़ोश में समा लिया कुछ इस तरह बिन बोले भी बोल गया आईना मेरी हर कहानी कह गया