Sakshi Ajay Srivastava   (साज़)
1.3k Followers · 78 Following

read more
Joined 17 April 2021


read more
Joined 17 April 2021
18 APR AT 3:44

तुम्हारे जाने के बाद का जीवन
बस ऐसा ही रहा
कि तुम होते तो कैसा रहता ...।

-


15 APR AT 1:48

दुख एक क्रम है... जो उम्र भर आपको खुद में उलझाये रखता है... मेरी समस्याएँ कभी मेरा दुख रही ही नहीं ...मन इतना मजबूत था की हर परिस्तिथि से लड़ना जानता था या शायद बार बार उन चीज़ों से गुज़र कर वो दुख की हद से वाक़िफ़ था मगर दुख कभी भी दुख होने की वजह से नहीं रहा...दुख रहा तो बस दुख की वजह से उन चीज़ों को ना कर पाने का जिनसे यकीन था खुशी मिलेगी ...खुशी चाहने वाला मन ना जाने कब दुखों में इतना रम गया कि खुशी मिलने पर अब वो अपनी लगती ही नहीं ...कुछ दुख जो आपके भीतर तक बस चुके होते हैं आप उनसे निकलना जरूर चाहते हैं मगर उनके निकलने का खालीपन इतना भयानक होता है कि खुशी मिलने पर भी सब अधूरा लगता है .....सामने सबकुछ बहुत अच्छा हो भी जाये तो भी अंदर कुछ ऐसा निगल रहा होगा जो कभी सामने नहीं आएगा ... उसका सामने ना आना धीरे धीरे हमें खुद से ही दूर करता चला जाता है और इंसान जिससे दूर हो उसी से मिलने की ख्वाहिश में तड़पता है ..ये तड़प इतनी मजबूर कर देंगी खुद से मिलने को कि एक दिन तुम्हारे पास कोई नहीं रह जायेगा तुम्हारे सिवा ...और उस दिन तुम यकीन कर लोगे की यही दुनिया है...हमारे पास सिवाए हमारे और कोई नहीं है ..हमें अकेले ही जूझना है इस जीवन से अब तक का सबके लिए सब किया गया व्यर्थ ही है ....और यहाँ से ही ये दुख दोबारा शुरु होते हैं...और ये क्रम चलता ही जाता है ...जो उम्र भर आपको खुद में उलझाये रखता है ...।

-


12 APR AT 12:46

ऐसी दुनिया जहाँ लोगों को बस एक दूसरे से ईर्ष्या ही होती है
कितनी खुशनसीबी है ये कि एक लड़की मेरे लिये दुआ करती है ....

-


12 APR AT 0:02

सच्ची झूठी प्यारी पुरानी बातें

-



रोज़ की गयीं प्राथनाएँ एक दिन चमत्कार हो जाती हैं ..।

-


4 APR AT 17:22

How grateful it is
that so many people love you.
And how unfortunate it is
that you still don't feel love.
Well, its like a fish living in water
and dying because of thirst ...
Its like feeling overwhelmed
with happiness and sadness
at the same time ....
Like someone trying to
pour their heart out
and still want to rhyme ....

-saaj

-


3 APR AT 21:50

दुनिया से प्रेम कितना भी
विलुप्त हो जाये
तुम्हारी आँखें मुझे
हमेशा ये यकीन दिलाती हैं
कि 'प्रेम' कहीं नहीं गया है ..।

-


2 APR AT 22:14

कभी कभी हमें ठीक-ठीक याद होता है
कि हम आखिरी बार किसी से कब मिले थे
आखिरी बार कब बात की थी
मगर फ़िर भी उँगलियों पर दिन गिनना
हमें तसल्ली देता है ...
कि किसी के बगैर भी
रहा जा सकता है ...
जिया जा सकता है..
और हर एक दिन को गिनते हुए
किसी को किस हद तक
याद किया जा सकता है ...।

-


31 MAR AT 23:37

अयांश - "इतना सारा दर्द लेकर तुम प्यार की बातें कैसे कर लेती हो ...मुझे आजतक समझ नहीं आया ....."


अयाना - "कुछ लोग समझने के लिए नहीं प्यार करने के लिए बने होते हैं ..."

-



और क्या सज़ा मिलती किसी को मोहब्बत में
मेरे वादा खिलाफ़ी पर भी वो मुझे माफ़ कर गया ..।

-


Fetching Sakshi Ajay Srivastava Quotes