Saket Pandey   (saket pandey)
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love to write what i cannot express in my words
Joined 21 September 2018


love to write what i cannot express in my words
Joined 21 September 2018
1 AUG 2021 AT 14:31

ये जिंदगी है सबब दोस्तो का साथ है
हम शुक्रिया कह नही पाते नही तो हम भी अखलाक होते,
अभी कुछ दिनों से तबियत नागवार सी है
वरना दोस्तो से मिलने को पहुंचे हम तापक होते,
वो दोस्ती वो यारी सब दिल में लिए बैठे हैं
अगर ये हाल ना होता जमाने का तो कैसे कई अपनी गलतियों से माफ होते,
ये मेरे अपने और दोस्तो की दुवाओं ने जिंदा रखा हमें
वर्ना साकेत भी कबके सुपूर्दे-ए- खाक़ होते

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4 APR 2021 AT 0:46

किसी के लिए भी खुली किताब ना बनो
जाहिलियत का दौर है पढ़कर फेक दिये जाओगे,
यहा मजबूत से मजबूत लोहा टूट जाता है,
और जो झूठो के दौर में सच्चे हो
सुधर जाओ अभी सिर्फ झुठो की मिल्कियत है
अपने सच्चाई से टूट जाओगे,

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29 JAN 2021 AT 1:56

अब कोई मिले तो युं मिले की
उसके मिलने से सुकून मिले
अब कब तक कोई सिर्फ मतलबियो से मिले,
अब कोई ऐसा मिले की जिसके मिलने से दिल खिले

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19 DEC 2020 AT 10:22

आँखों से भरोसे के ख्वाब
उतारे जाये,
कर लेंगे दोस्ती पहले नक़ाब
उतारे जाये

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25 NOV 2020 AT 21:55

उन आंखों को ढूंढने में ज़माना निकलेगा,
जिन आंखों से एक आंसू हमारा निकलेगा,

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17 NOV 2020 AT 23:29

मुझे अब अपने किरदार पे इतना तो यकीन है ,की कोई मुझे छोड़ सकता है
मगर भुला नहीं सकता ,
अब मैंने कैसे रखी सबसे ये दिल्लगी ,
बाकी जिसने भी की हमसे बेरुखी ,
मेरे समय आने पे मुझे वापिस बुला नहीं सकता है

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15 NOV 2020 AT 15:50

इसलिए भी नहीं रखते अपना ख्याल
कभी तो हाल पूछते हुए आओगी ,
इसलिए भी नहीं गुजरते तुम्हारी गली से ,
कभी ना दिखूं तो कम से कम मिलने तो आओगी ,
होली पे मिली थी तुम रंगो के साथ ,
क्या पता था दीवाली बेरंग करके जाओगी,
इसलिए भी नहीं रखते अपना खयाल

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23 APR 2020 AT 23:32

ज़ख्मी परिंदे की तरह जाल में हम हैं,
ए इश्क अभी तक तेरे जंजाल में हम हैं,
और हस्ते हुए होठो ने भरम रखा हमारा,
ओ देखने आया था किस हाल में हम हैं,
अब आपकी मर्जी है, संभाले न संभाले खुशबू की तरह आपके रुमाल में हम हैं,
एक ख्वाब की सूरत ही सही याद है अब तक मां कहती थी ले ओढ़ ले इस साल में हम हैं

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14 NOV 2019 AT 20:46

बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ ,
उठाया जब गोद में मां ने तब आसमान छुआ ,
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आयी
मैं घर में सबसे छोटा था घर में मेरे हिस्से मां आयी

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29 OCT 2019 AT 18:43

मेरा पानी उतरता देख, किनारे पे घर ना बना लेना
मै समंदर हूं फिर लौट कर आऊंगा
तुम्हारा तो वक्त आया है अपना दौर लाऊंगा ,
तुमने अभी हलचल देखी ही समन्दर की ,अब तूफानों का जोर लाऊंगा.

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