मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो और भी अच्छा।
"बसेरे से दूर"
हरिवंश राय बच्चन।
सर्ग 2 खंड 3 का 5 से उद्गम।- Saket Pandey
1 FEB 2019 AT 6:35
मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो और भी अच्छा।
"बसेरे से दूर"
हरिवंश राय बच्चन।
सर्ग 2 खंड 3 का 5 से उद्गम।- Saket Pandey