जब नाव जल में छोड़ दी,
तूफान में ही मोड़ दी,,
दे दी चुनौती सिंधु को,
तो फिर धार क्या मजधार क्या!-
प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला,
एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर प्याला,
जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका,
आज निछावर कर दूँगा मैं तुझ पर जग की मधुशाला।
~ बच्चन-
ये उन दिनों की बात है जब
उसके हंसी के लिए न जाने क्या क्या करता था।
थी उसे भी मोहब्बत क्या पता?
पर मेरे ललाट पे हल्का सा पसीना देख
वो हाइजेनिक इंसान अपने हाथ यूं फेरती थी
कसम ये बातें याद कर और प्यार आ जाता है।
सार ~ वो बातें थी महज़ बातें।-
यहां हर किसी को दरारों से झांकने की आदत है, मसलसल दरवाजा खोल दें
पूछने तो कोई आएगा ही नहीं।
~ आयुष्मान खुराना-
मैं चाहता तो टांग देता सूरज को तुम्हारे चेहरे पे बिंदी की तरह,
मगर मैं इस जमाने में अंधेरे के खिलाफ़ हूं।
स्रोत ~ विकास दिव्यकीर्ति सर ❤️-
अर्ज किया है!
ईरशाद ईरशाद।।
तेरी गलियों से जब गुजरता हूं
तो एकदम सन्नाटा सा रहता है।
तेरे गली के कुत्ते अब मुझ पे
भौंका नहीं करते।😂
स्रोत ~ भाभी जी घर पे हैं।-
लोग कहते हैं रूह बिकती है
मैं जिधर हूँ उधर नहीं मिलती
~ डॉ. कुमार विश्वास
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