जो कभी जिद्द करते थे बात करने को ,
आज ना बात करने के मौके ढूंढते हैं ।
जो कभी तड़पते थे पास रहने को ,
आज दूर रह के सुकून महसूस करते हैं ।
जो कभी रोते थे मेरे साथ रहने को,
आज वो अकेला रहना पसंद करते है।
जो कभी वक्त ना रहने पे भी मौके खोजते थे वक्त निकलने को,
आज वक्त होते हुए भी पास बैठना , साथ समय बिताना पसंद नहीं करते है।
जो कहते थे हवा भी गुजर ना सके इतना सट के रहेंगे हम दोनो,
आज लोग गुजर रहे है हमारे बीच से वो इतनी दूर है हमसे ।
जो कहते थे हद से ज्यादा प्यार करेंगे तुमको,
आज मेरा खयाल तक नहीं आता उनको।
जो मेरे सामने अपने सारे दुख सुख खुल के बताया करती थी,
आज पूछने पे भी ज्यादा नही बताया करती।
जो मेरे सामने एक बच्ची जैसी रोया करती थी,
आज मैच्योरिटी के साथ बात करती है।
तो मैंने बदलते देखा है।।
आंखों के सामने सब बिखरते देखा है।।
हंसता खेलता रिश्ता टूटते देखा है।।
सबसे खास को किसी और को खास बनाते देखा है।।
मैंने हर मौसम देखा है , हर मंजर देखा है।।।
-