कुछ हो सा गया है,
कुछ खो सा गया है।
तेरे दूर होने से।।
कुछ छूट सा गया है,
कुछ टुट सा गया है।
तेरे चले जाने से।।-
जो कभी जिद्द करते थे बात करने को ,
आज ना बात करने के मौके ढूंढते हैं ।
जो कभी तड़पते थे पास रहने को ,
आज दूर रह के सुकून महसूस करते हैं ।
जो कभी रोते थे मेरे साथ रहने को,
आज वो अकेला रहना पसंद करते है।
जो कभी वक्त ना रहने पे भी मौके खोजते थे वक्त निकलने को,
आज वक्त होते हुए भी पास बैठना , साथ समय बिताना पसंद नहीं करते है।
जो कहते थे हवा भी गुजर ना सके इतना सट के रहेंगे हम दोनो,
आज लोग गुजर रहे है हमारे बीच से वो इतनी दूर है हमसे ।
जो कहते थे हद से ज्यादा प्यार करेंगे तुमको,
आज मेरा खयाल तक नहीं आता उनको।
जो मेरे सामने अपने सारे दुख सुख खुल के बताया करती थी,
आज पूछने पे भी ज्यादा नही बताया करती।
जो मेरे सामने एक बच्ची जैसी रोया करती थी,
आज मैच्योरिटी के साथ बात करती है।
तो मैंने बदलते देखा है।।
आंखों के सामने सब बिखरते देखा है।।
हंसता खेलता रिश्ता टूटते देखा है।।
सबसे खास को किसी और को खास बनाते देखा है।।
मैंने हर मौसम देखा है , हर मंजर देखा है।।।
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तो क्या पढ़ लोगे,
जो मैं अपने दुख डायरी में लिखने लगूं।
तो क्या देख लोगे,
जो मैं टूटे सपने तेरे साथ वाले देखे दिखाने लगूं।
तो क्या सुन लोगे,
जो मैं अपने हालात बताने लगूं।
तो क्या समझ लोगे ,
जो मैं गले से लगा कर समझाने लगूं।
तो क्या आंसू रोक लोगे,
जो मैं बच्चे की तरह लिपट कर रोने लगूं।।-
I cried under the blanket,
But who cares.
I waited for long hrs ,
But who cares.
I expected nd opposite happened,
But who cares .
I was alone ,
But who cares.
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मिल जाए कोई हमसफर उसे तो उसका छोड़ चले जाना मुस्किल नहीं रह जाता,,
किसी को चाह लेने से कोई अपना नहीं हो जाता ।।-
अब डर सा लगने लगा है,
क्योंकि तुम हमको उसी दिन छोड़कर चली जाती...।
अब डर सा लगने लगा है ,
क्योंकि तुमको हमसे ज्यादा औरौ पर भरोसा होते जा रहा...।
अब डर सा लगने लगा है,
क्योंकि तुमको एक अपना जीवन जीना है...।
अब डर सा लगने लगा है,
क्योंकि अब तुमको मुझे सारी बाते बताने में हिचकिचाहट होती है...।
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क्या बताऊ हाल ए दिल तुझे
तुम हो तो सब है
तुम नहीं तो कुछ भी नहीं
तुम्हारा साथ रहे तो हर चीज मुमकिन
और ना रहे तो हर चीज नामुमकिन-
अब इंतजार खत्म हुआ ,
खुशी से झूमने का मन हुआ ,,
क्योंकि मेरी 'जान' का जन्मदिन आया।
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सर्द का मौसम,और सुनसान सड़के ,,
वहाँ तुम और यहाँ हम अकेले ।
साथ तुम भी होती तो गप्पे लड़ाते ,
सवेरे कहीं सड़क किनारे तुम्हारे संग चाय पीते।।-
24 घंटे में 5 मिनट कोई प्यार से बात नहीं करता,,
पहले वो किया करती थी , अब वो भी नहीं करती ।।
लगता है रूठी है मुझसे, अब मनाना पड़ेगा उसको,,
वर्ना खाना भी नही खाएगी, गुस्सा इतना है उसको।।
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