Saket Lal   (SAKET KUMAR LAL)
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Joined 31 January 2018


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7 SEP 2023 AT 0:44

सांस सांस
बांसुरी
रोम रोम
वृन्दावन हुआ है
जित देंखु
तित पाऊ श्याम
कण कण का
मन मोहन हुआ है.....
❣️❣️❣️

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3 SEP 2023 AT 13:21

वो साथ
मेरे बैठी थी
पर वो किसी
और के करीब थी
वो अपनी सी
लगने वाली
किसी और के
करीब थी...
💔💔

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2 SEP 2023 AT 11:17

लौटा ना वो
जो यू अचानक गया
सांसो मैं घुली
उसकी याद तो है....
❣️💔❣️

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2 SEP 2023 AT 3:06

बाधाओं,
विपदाओं में
राह दिखा
राम सब चिंता
हरते गए...
शुक्र है, ए दुनिया
ये दुख, दुविधाएं तिरी
हम राम से
उम्र भर जुड़ते रहे...
हम बिखरे लेकिन
संवरते रहे...
❣️❣️❣️
जय श्री राम 🚩🚩

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22 AUG 2023 AT 14:27

कल तक अनजान था तुमसे,
आज न होने पर तुम्हारे,
तुम्हारी कमी सी रहने लगी है
तुम्हारी बात करतीं,
तुम्हें ही याद करतीं आंगन मेरे
हवाएं ऐसी बहने लगी हैं..
शीशे पर देखता हूँ
जब कभी खुद को
इंतज़ार में हो,
आंख आंख से कहने लगी है
कल तक अनजान था तुमसे,
आज न होने पर तुम्हारे
तुम्हारी कमी सी रहने लगी है..
❣️❣️❣️

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20 AUG 2023 AT 15:44

बरसते ये बारिश मुझसे
पूछते है हाल तुम्हारा
तुम बाहे फैला के
बारिश की बूंदो से अब
क्या मिलती नहीं हो???
गुज़रती हवाएं
हैरान होतीं हैं
तुम्हें देख के
सुना हूँ अब
मुस्कुरा के तुम,
फूल सी
खिलती नहीं हो😔
💔❣️💔

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10 AUG 2023 AT 13:46

कहीं तो ज़रूर होगा
इक सितारा✨⭐⭐
मेरे हिस्से का भी...
जिस पर सिर्फ़ और सिर्फ़
मेरा नाम लिखा होगा..
❣️❣️

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28 JUL 2023 AT 11:59

कुछ रिश्ते
फूलों पर तिरते
बारिश की
बूँदों की तरह..
मोती से चमकते..
पर क्षणभंगुर...
छूते ही बिखर जाते
मानो
कभी थे ही नहीं...
जैसे ख़्याल
भर हो तुम्हारा....
❣️❣️❣️

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27 JUL 2023 AT 3:59

एक इश्क़ था
एक तुम थी मेरी
ना तुम मिली, ना इश्क़ मिला...
एक डोर थीं खिंची खिंचीं
एक ओर तुम थी,
एक ओर मैं खड़ा....
मैंने कस कर थामा था
वो डोर जो तूने छोड़ दी
छूटा बहुत कुछ
मगर तेरी याद मैंने थाम ली....
💔❣️💔

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26 JUL 2023 AT 14:16

आ ही गया था
अलविदा कहने
का वक़्त
तेरे शहर को....
काश
अपनी बेचैनी
तुम्हें बता पता
तुम्हे गले लगकर...
की तेरी बेवफाई ने
एक हस्ते खेलते
इंसान को
जीते जी मार दिया......
💔❣️💔

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