उनका दीदार फकत् ....
आंसू और मुस्कान दोनो दे जाते हैं।-
खाली पड़ गया यहा इश्क़ की बस्तियां,
रुह की रूहानियत लेकर जाए कहा।
सुना है जिस्मानी लोगो ने डाका डाला हैं,
सुना है जिस्मानी लोगो ने डाका डाला हैं,
इश्क़ को बचा कर रखे रूह के लिए
अब वो बाते कहा।-
अब जा कर कही सम्हाल लू मैं खुद को,
तू जी भर के उड़ रंग- ए-जहां में मेरी जा
बहुत कुछ खोया कुछ पाया नहीं तब याद आएगा तुझको।-
मैं चाहता हूँ आगे की ज़िन्दगी लिखना,
ये आखरी दिन हो मेरे लिए ये काफी नहीं।
मैं चाहता हूँ तुझसे सवाल करना,
तू यू मुसाफ़िर हो ये काफी नहीं मेरे लिए।
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बेवक्त मौत आ जाता हैं,
जब दिल के करीब रहने वाला दिल तोड़ जाता हैं।
रख नहीं पाता एक शख्स का ख्याल वो बेरहम,
कैसा हमसफ़र है जो दिल में समा जाता है।-
मैं जानता हूँ तेरी हर बात को,
तू दूर ही सही पर मेरे दिल के करीब हैं।-
कल जब दुनिया के रंजिशो से वो थक जाएगा...
तब उसे मेरे सिवा कुछ न याद आएगा....
बैठा होगा अकेला वो तन्हा गुमसुम....
तब मेरी यादे उसे सताएगा...-