रौनकें हुआ करती थी कभी हमसे, खामोश कर गयी मुझको मोहब्बत तेरी...!!
चराग़ हुआ करते थे हम महफ़िलों के, तारेक़ी कर गयी मुझको मोहब्बत तेरी...!!
और इल्तज़ा हैं मेरी कि मत पूछो मुझसे, क्या हासिल हुआ हमे मोहब्बत में...!!
तकब्बुर से रहते थे हमेशा हम, मुफ़लिस कर गयी मुझको मोहब्बत तेरी...!!-
खुद की खोज में निकला हूँ अब मैं...!!
रुखसत की थी मैंने एक बार फिर तेरे शहर की ओर...!!
बहती हवाओ ने बताया कि मेरा अपना कोई नहीं यहाँ...!!-
ज़रा फारिग क्या हुए रोज़ के कामकाजो से...!!
तेरी यादों ने मुझे मसरूफ कर दिया...!!-
पास नहीं है तू अब मेरे, पर मेरे ख्यालो में तू आज भी है...!!
ज़वाब ना हो तू अब मेरा, पर इश्क़ के सवालों में तू आज भी है...!!
दिन में महफिलें सजाए फिरते हैं, पर मेरी रातों में तू आज भी है...!!
दुआओ में तू नहीं है मेरी, पर मेरी पाँच वक़्त की नमाज़ो मे तू आज भी है...!!-
वो मेरा बर्थ डे कार्ड जो तूने रात भर जाग मेरे लिए बनाया था...!!
मैं तेरे लिए कितना ख़ास हूँ तूने मुझे ये उस दिन बताया था...!!-
सावन के मेले में खरीदा वो लव वाले लॉकेट का एक हिस्सा शायद तेरे पास आज भी है...!!
पुराने धूल से भरे पन्नों में मेरी लिखी हुई नज्में है जिन में तेरे होने का एहसास आज भी है...!!-
तेरे लिए खरीदा वो झुमका अभी भी संदूक में सम्भाल रखा है...!!
तेरा दिया वो सफ़ेद मफ़लर मैंने आज भी गले में डाल रखा है...!!-
आज फ़िर ज़िक्र हुआ तेरा मेरी बातों में एक बार...!!
मुझे रात भर जगाया तेरे ख्वाबों ने फ़िर एक बार...!!
मेरी सूखी पड़ी आँखों को रुलाया तेरी यादों ने फिर एक बार...!!
इश्क़ अधूरा है मेरा ये खुद को समझाया मैंने फ़िर एक बार...!!-
तुझसे की हुई घण्टों लम्बी बात याद आ रही है...!!
तेरी मेरी वो पहली मुलाक़ात याद आ रही है...!!
तेरे आगोश में लिपटी हर वो रात याद आ रही है...!!
की आज बेवक्त बेवजह मुझे तेरी याद आ रही है...!!-
एक तन्हा रात में, वो हमे याद आने लगे...!!
उनको याद कर, हम सिगरेट जलाने लगे...!!
हर एक कश के साथ, ख़ुद को ये बताने लगे...!!
की याद कर रहे हम जिन्हें, वो अब हमे भुलाने लगे...!!-