एक जिक्र हुआ , जो फिर ख्वाब तेरा हुआ
मगर वो , जैसे दिन बदला हुआ
और जो याद है तो बस वही चांद , तारे
मगर वो है , जैसे साल बदला हुआ ।।
|| हैप्पी न्यू ईयर २०२५ ||
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Life rules Never be in "PRESSURE"
But if you think you are in that
situation then that is never
"PRESSURE" it is "PRE SSURE"
Every one should be " PRE SSURE "
To make you goals towards success.
"BE POSITIVE AND BE EXECUTIVE"
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जो तारा अब फिर टूट गया
आसमा के बादल जो फिर एक बार सहम गए
निकले जो घर से रात–दिन भूल गए
जिसे बचाना है एक और जान वो बस भारत भूल गए
हां भारत वही जो एक बार फिर न्याय भूल गया
जो कुछ शख्स निर्भया , हाथ रस , प्रियंका रेड्डी.. भूल गया
नया नहीं उस भारत लिए ये भी भूल जाएगा
#We want justice थक कर फिर घर चला जाएगा ।।
अगर न्याय चाहते हो तो भारत बदलना पड़ेगा,
न्याय मांगना अब बहुत हुआ अब न्याय करना पड़ेगा।।
बोस जी ने भी कहा है कि,
अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है।।।
#We want criminal
#We want criminal
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कोई नहीं मगर यकीन खड़ा है
जो ख्वाब भी बहुत दूर खड़ा है
जो खड़े थे कभी छत पर
आज फिर आवारा जमी पर खड़ा है
कोई नही मगर वो ,
तारा साथ खड़ा है।।।
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एक रात जो आज मैं फिर बैठा
जो साथ था तो सोचकर बैठा,
जो चला गया तो रुक कर बैठा,
जो फिर आएगा ख्वाब कर बैठा,
मगर जो न लौट कर बैठा,
वो तारा आसमां लेकर बैठा ,
फिर में उसे देख कर बैठा ,
एक रात जो आज मैं फिर बैठा।।।।
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ख्वाबों का किस्सा याद नहीं
ख्वाइशों का पन्ना भीग गया ,
जिसे हर पन्ने पर उतारा
आसमा का वो तारा हो गया।।-
एक बार फिर,
कुछ देर बाद उसने कुछ कहा
में कहा क्या?
जो उसने कहा भी तो कुछ नही।।-
तेरी खबर मैं यूं तो अखबार लिखा
ढुंढ ज़रा ये जो पता लिखा
पर वहां तुझे ला पता लिखा
क्या किया तूने ये सवाल लिखा
मुझे बोझ और बीमारी को रोज लिखा
तुझे खामोश मुझे सब्र लिखा
फिर तुझे भुला और मुझे भटका लिखा
आसमा में भी तारा टूटा लिखा
जो तेरी खबर में ,
मेरी ख्वाइश का अखबार पूरा लिखा।।।
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में जो फिर तेरे शहर आया
शहर की हर गली , हर मोड़ , हर चौराहा तो आया
मगर उस शहर तुझ सा कोई शख्स न आया
फिर क्या जो में भी वापस चला आया।।।-
अरसा हुआ जो चांद गली भूल गया
तेरी हर बातों में तेरा नाम भूल गया
और कभी जो रोज़ देखता
वो यार चेहरा ही भूल गया।।-