We must not forget
The first step,
It reminds us the courage we have
We must not forget the downs during our ups
These can connect us with our way
We must not forget the smiles of our close ones
these can help to walk straight
we must not forget the thankfulness
This is a big reason we can smile in every situation.
we must not forget that thousands of prayers
are there for our best
we must not forget the true nature that we have.
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#सातकहानियाँ
प्रेमिका की खोज में निकले संत जन कृपया दूसरी ID का रुख करें ,यहाँ सम... read more
परिणाई आई पायो वनवास
मनड़े ने धीर बंधाई
फिर भी अग्नि परीक्षा पाई
धोबी ने धोबिन धमकाई
रामराज्य री पीड़ बढाई
सिया ने फिर पायो वनवास
तजी राम ना टूटी आस
दो पुत्र मिले तब लव कुष पास
सिय बालमीकि आश्रम री ठास
जद लेखो लिखतो होतो राम
किस बिधि फिर भूल्यो अपणी बाम
राम चरण सौंपे जद लाल
सिय पृथ्वी में गई समाय
सबका लेखा लिख राम जी
स्वयं की ना क्यों की सुनवाई...-
मिट्टी की कसोटी पर खरो
गाँव री नव्ज ने बांच सकै
ईसी सोच वाळो एक
जो सत्य असत्य रो भेद भांप सकै
ज्ञानी हो जो ज्ञान के कर सके दीप प्रज्वलित
आपणी गांव की माटी सूं उपज्यो एक सपूत
मोल तोल के देख भाळ के सोच समझ कै
अपणा कीमती वोट योग्य उम्मीदवार ने ही दीजो।-
ज्यूं सरगम से परे होवे साज
किस बिधी होसी मनड़ै नै धीर
कूण मिटासी हिवड़े री पीड़
मनड़ो म्हारो घणा भारी आज
टीबा रेत को बण्यो जीवड़ो
पग जळता ज्यूं कागद जी
हिवड़े ऊपर रेत री चादर
भार उठांवां किस बिधी जी
नगर ढिंढोरो राणो पीट्यो
मीरा री उड़ती हासी जी
थे आवो अब लाज संभाळो
वृंदावन के बासी जी-
अपने कर्म से विमुखता, निष्क्रियता अंत का आगमन है
ज़ंक उसी लोहे को ख़त्म करती है जो निष्क्रिय पड़ा हो।
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वा भी होसी पूत किसी मायड़ रो
वा भी होसी भरतार
किसी भाण रो बीरो होसी
किसी बाबो रो कांधो
म्हारी खातिर कांईं वा झेले पीड़ा?
कांईं वा मृत्यू ने वरण करे
सोचो जरा सी बार कि कांई रण में चरण धरे
थारी म्हारी ही खातिर अपणी वा जान गँवाए
जान हथेली धर पाछी वा देश रा वीर कवावे
कदे कदे वा देखे चौखट कदे कदे घर आवै
केवल अपणा री आँख्या मांईं अपणो मान वो चावै
*(म्हारे धोरां री 1,325,000 टोलियां म्हारे देस री सेवा में दिन रात )-
सावण में भीजी आँखलड़ी
कठे बीत न जावे रातलड़ी
म्हारे मण में छे कुछ बातलड़ी
जद छणके भोर री पायलड़ी
सावण में भीजी आँखलड़ी....
जठे मोर पपीहा बोल रया
मारा मण रा भाव कचोट रया
मारा पीय बस्यो छे परदेसलड़ी
सावण में भीजी आँखलड़ी....
मैं चढ चोबारे राह तकूँ
मनड़े री बातां कीं सूं कवां
म्हाने छेड़े सा जी नणदलड़ी
ताने देवे है सासलड़ी
सावण में भीजी आँखलड़ी....-
#मोक्ष
तुझ संग जो मोह के क्षण जुड़ गए
जीवन की राह में मोक्ष पा लिया
कुछ पल युँ मिल गए कुछ पल से जुड़कर यूँ
पल पल मिलाकर साथ एक जीवन ही पा लिया
सागर में लहरें थी बहुत ,
तूफान भी कुछ कम न थे
पहुँचे किसी मजधार तो आँखो को मूँदकर
बैठे रहे एक आस में इस पार या उस पार,
मन शांत हो भीतर गया, हम बीच उस मजधार
लहरे उठी फिर लहर पर हो कर सवार मुझसे मिलीं,स्वागत किया इस तरह कि वह मुझमें ही आकर खो गई ,मेरे मोक्ष को मैं पा गई
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मणिहारिन ल्याई चूड़ळो
म्हे लियो हाथ भर खरीद
रुण झुण करती पहुँची हाट
थो सागे म्हारो बींद
मूँछ्याँ वाळो धोरो म्हारो
वाकी चोखी ठाठ
फूल गयो मारो काळजो
जद वा पूछी कोई बात
सुण री मारी बीन्दणी
मारी बात ने धर के ध्यान
ईसो करजो काज के ऊँचा होसी मान
के करांगा बारूद को जद होसी खुसियां साथ
दीप जलावां खुसियां रे घटे प्रदूषण साथ
म्हारो बीन्द अनोखो न्यारो
अनोखी बा री बात , हिवड़े म्हारे ठंड हुई
जद खुसियां आई साथ
🙏🙏थे सगळा भी खुसी खरीदो
बारूद ने राखो दूर
साँस भरी दीवाली होवे,खुशियाँ होवे भरपूर🙏🙏-
हे,कृष्ण विषम परिस्थिति में रण छोड़ कर रणछोड़ कहलाना आसान है,
कभी मेरी परिस्थिति में फँसोगे तब पूछूंगी तुमसे
कि अब कहो कान्हा ,रण छोड़ दूँ ?या रण चंडिका हो जाऊँ?✒️
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