लेखन का पहला नियम है,
"प्रोत्साहन"
अपने लेखन के साथ-साथ दूसरों के लेखन
को पढ़ना और समझना भी जरूरी है,
मैं आपका शुक्रगुजार हूँ जो आपने अपने बहुमुल्य
समय से मेरे लेखन को सराहा है|
हृदय की गहराई से आपका धन्यवाद|
@Sheetal Singh-
और विजित कीजिये प्रोफ़ाइल मेरी, वहाँ असल ... read more
काफिला चलता है बसों का शहर मे जिनके
जाने क्यों मेरा बस नही चलता सामने उनके|-
जो जरूरी था काम उससे मिलवाओ
परेशान हूँ खुद मुझे और ना सताओ
तुम्हारी "क्यों" का जवाब नही.मेरे पास
क्या,कब,कैसे करना है बस ये बताओ |-
" बेमतलब की बातें "
तुम आते तो ये हो जाता
तुम नही आये तो क्या हो गया?
दो पल खुशियों के मिल जाते
मैं इंतज़ार मे जागा जमाना सो गया
कब तक तुम्हें मेरी यूँ चिंता रहेगी
अब वक़्त फिसला जो होना था हो गया
क्यों मेरे ईश्क को सरेआम बेइज्जत करती हो
मुझ से पूछो क्या गुजरी जब मेरा इश्क़
किसी और के बिस्तर पे सो गया|-
तेरे पीछे पीछे तेरे शहर पहुँच जाते
अगर राहों मे ये आते तूफान ना,
तेरी राहों की मिट्टी जो मुझे दगा ना देती
और मिटाती तेरे पैरों के निशान ना|-
मुद्दत बाद मिले हो मुझे तुम ए-सनम
.
खुद को यूँ घूँघट मे छिपा कर
अब मेरे सब्र का इम्तेहान ना लो|-
My Heart and Mind are like a Dustbin
in which the Garbage of your Memories is lying,
Which I can Neither keep or Throw Away.-
इन आँसुओं की एक अजीब कहानी है,
खुशी हो या गम ये दोनों की निशानी है,
समझने वालो के लिए बहुत अनमोल है,
ना समझने वालो के लिए सिर्फ पानी है|-