16 FEB 2018 AT 18:16

कलम की जो जगह थी वो वही हैं,
अब उसका नाम तक बाकी नही है,
कलम की नोंक पर नुकता है कोई,
जो सच हो भला रुकता है कोई,
वो जिस बचपन मे थोड़ा और जीना था,
वो जिसने माँ तुम्हारा ख़्वाब छीना था,
मुझे माहुद से बदला लेने जाना है,
मुझे दुश्मन के बच्चों को पढ़ाना है,
मुझे दुश्मन के बच्चों को पढ़ाना है ..
🙏

- Shailu...