हम दोनों आशिकों की मोहब्बत में फ़र्क़ तो बहुत था जनाब...
मैंने उसके दिल को देखकर प्यार किया था,
ऒर उसने उसके ज़िस्म को देखकर-
21 FEB 2020 AT 16:00
20 FEB 2020 AT 21:19
ना जाने क्यों पूछते है लोग..
मेरे खुश होने की वजह... ?
अब उनको कौन बताए
अकेला-अकेला -सा रहता हूँ, हरे भरे शहर में ..-
18 FEB 2020 AT 16:39
इश्क़ मुकम्मल हो जाए सबकी,
किसी मे मजहब का डर ना हो,
बस ख्वाहिश इतनी सी है मेरी,
फिर मेरी जगह कोई और ना हो ..-
18 DEC 2018 AT 19:03
मेरी रूह की खुशबू को ,जिस तरह तेरे साथ बाँटा,
ना जाने तूने कितने जिस्मों के साथ उसे फैलाया होगा...
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12 FEB 2018 AT 19:26
हमने तो सच्चे दिल से दोस्त माना था उसे..
जनाब..
पर उसने तो एक पल में पराया कर दिया यह कहकर--..
It's my personal problem...-
9 FEB 2020 AT 22:43
6 साल बीत गए है साहब उस जख्म को
मगर पता नही क्यों...
आज भी वो दर्द ताज़ा सा लगता हैं...-
3 FEB 2020 AT 21:46
जिम्मेदारियों का भी दौर आता है,
वरना
कौन धनपुरी छोड़ कर इंदौर आता है...
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1 FEB 2020 AT 16:58
चाय सी जिन्दगी में जब,
चिंताओं का उबाल आता है,
अदरक समझ दोस्तों को कूटो
क्यूंकि..उन्ही से तो स्वाद आता है-