Takhayyul me mashroof us khuda se poocha
Asraar kya hai us Musavvir ka
Jisne ashqein bhi banaye to itne khoobsurat
Ki us misaal e zeenat ka koi mukhaalif nahi
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मत कर इतना गुरूर अपने चमक पे ऐ रोशनी,
मैंने अक्सर तुझमें घबराहट और अंधेरे में सुकून को पलते देखा है।-
होठों को तलाक कैसे मंजूर होता,
जब लड़ाई की शुरुआत ही आँखों ने की थी।
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Live In relationships
become more problematic
when our toothbrushes kiss
more often than we do.-
Loyal hearts betrayed stereotypes.
//Marriage of a homosexual couple//-
कैसे मान लूं मैं यह बेबुनियाद
नियमें तेरे समाज के,
जहां मांओं की पूजा भी होती है
और बेटियों का कत्ल भी।-
सिर्फ छोटे कपड़ों को दोष क्यों देते हो वकील साहब,
दरिंदगी को न्योता तो साड़ियों और हिजाबों ने भी दिया था।-
तलब मिटाई लोगों की ताकि हमारी भूख मिटा सके,
लोगों की हमबिस्तर बनी ताकि हम चैन से सो सके।
सपने उसके रहे अधूरे पर पूरा हमारा हर सपना किया,
तवायफ हो या मां का फर्ज, उसने दोनों बखूबी अदा किया।।-
ये ज़िंदगी के उसूलें भी किस काम की ए ख़ुदा ,
मैंने यहाँ पर्वतों को पिघलते देखा है पर इंसानों के दिलें नहीं।-