sahitya maa   (sahitya_maa)
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अब यहीं रोक लेता हूँ खुद को,पता नहीं आगे क्या है....
Joined 27 January 2019


अब यहीं रोक लेता हूँ खुद को,पता नहीं आगे क्या है....
Joined 27 January 2019
21 JAN 2022 AT 5:19

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20 JAN 2022 AT 9:56

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8 JAN 2022 AT 21:29

काश...
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:
जब मै उनसे कहूँ कि मै ठीक हूँ,
तब वो डांटकर कहें नहीं तुम नही हो...

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6 JAN 2022 AT 16:46

अब मै खुद से भी कुछ नहीं कहता,
मैंने अदब से जीना सीख लिया...

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27 NOV 2021 AT 4:01

सुनो,
तुम्हें सोचते ही,
तुम्हारा जिक्र आते ही,
हाथों की लकीरों को देखता हूँ,
फिर आसमां को देखकर,
कुछ बुदबुदा कर मुस्कुरा देता हूँ...

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20 NOV 2021 AT 21:06

सुनो....
जानती हो,
मैं हमेशा से कुछ गूढ़ लिखना चाहता था,✍️
जिसे सिर्फ तुम पढ़ना चाहो,
उसे बारीकी से समझना चाहो,
और हाँ!..
मैं हमेशा से उसमें वही लिखता,
जिसे तुम सुनना चाहती,
लेकिन जानती हो,
मैं हमेशा डरता भी था,
कि कहीं बेवजह तुम्हारे हृदय से मेरे लिए प्रेम ना छलक जाए,
कहीं तुम्हारे अनकहे शब्द मुझसे,
प्रेम की रीत न कह जाए,
कहीं तुम्हारे न चाहते हुए भी,
मेरे लिए कुछ बूँद तुम्हारे आँखों से गिर जाए,
:
सुनो!...
जानती हो!...
मैं अपनी सारी खुशियां तुम्हारे कदमों पर गिरवीं रख दूँ,
लेकिन एक भी बूँद आँशु ना गिरने देना तुम,
वो जो कपोलों पर मोती बन गिरते हैं ना,
बड़े बेशकीमती हैं यार,
प्लीज कभी न गिरने देना इन्हें,
:
सुनो!...
कहना तो नहीं चाहिए,
लेकिन मैं तुम्हारे रूह को महसूस कर सकता हूँ,
यह पागलपन है या मेरा ओवर कॉन्फिडेंस,
लेकिन शायद मैं तुम्हें तुमसे ज़्यादा जानता हूँ,
ख़ुद से ज़्यादा तुम्हें मानता हूँ,
सुनो..!
तुम्हें तो मैंने कब का आजाद कर दिया,
बस अब तुम्हारी रूह से बेपनाह मोहब्बत है मुझे…..
और प्लीज इसे ना छीनना...
🙏

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4 NOV 2021 AT 22:22

आज तलब है,
उसके चेहरे की एक मुस्कुराहट का,
मेरे खुशियों का दीपक तो "वो" ही है...

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3 NOV 2021 AT 8:24

सुनों!..
मुझे "तुम सा" बनना है,
मुझे अब "मैं" नहीं रहना...

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31 OCT 2021 AT 21:25

अब कुछ बुरा नहीं लगता,
लेकिन कुछ अच्छा भी नहीं लगता,
बस बेमतलब हँसना अच्छा लगता है,
सबको भरम में रखना अच्छा लगता है...

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7 OCT 2021 AT 13:41

एक समय के बाद हमें प्यार जताना,
या अपना दर्द दिखाना बंद कर देना चाहिए।
क्यूँकि आपकी वजह से सामने वाला शक्श,
खुद को इन सब का कारण समझने लगता है...

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