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काश...
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जब मै उनसे कहूँ कि मै ठीक हूँ,
तब वो डांटकर कहें नहीं तुम नही हो...-
सुनो,
तुम्हें सोचते ही,
तुम्हारा जिक्र आते ही,
हाथों की लकीरों को देखता हूँ,
फिर आसमां को देखकर,
कुछ बुदबुदा कर मुस्कुरा देता हूँ...-
सुनो....
जानती हो,
मैं हमेशा से कुछ गूढ़ लिखना चाहता था,✍️
जिसे सिर्फ तुम पढ़ना चाहो,
उसे बारीकी से समझना चाहो,
और हाँ!..
मैं हमेशा से उसमें वही लिखता,
जिसे तुम सुनना चाहती,
लेकिन जानती हो,
मैं हमेशा डरता भी था,
कि कहीं बेवजह तुम्हारे हृदय से मेरे लिए प्रेम ना छलक जाए,
कहीं तुम्हारे अनकहे शब्द मुझसे,
प्रेम की रीत न कह जाए,
कहीं तुम्हारे न चाहते हुए भी,
मेरे लिए कुछ बूँद तुम्हारे आँखों से गिर जाए,
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सुनो!...
जानती हो!...
मैं अपनी सारी खुशियां तुम्हारे कदमों पर गिरवीं रख दूँ,
लेकिन एक भी बूँद आँशु ना गिरने देना तुम,
वो जो कपोलों पर मोती बन गिरते हैं ना,
बड़े बेशकीमती हैं यार,
प्लीज कभी न गिरने देना इन्हें,
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सुनो!...
कहना तो नहीं चाहिए,
लेकिन मैं तुम्हारे रूह को महसूस कर सकता हूँ,
यह पागलपन है या मेरा ओवर कॉन्फिडेंस,
लेकिन शायद मैं तुम्हें तुमसे ज़्यादा जानता हूँ,
ख़ुद से ज़्यादा तुम्हें मानता हूँ,
सुनो..!
तुम्हें तो मैंने कब का आजाद कर दिया,
बस अब तुम्हारी रूह से बेपनाह मोहब्बत है मुझे…..
और प्लीज इसे ना छीनना...
🙏-
आज तलब है,
उसके चेहरे की एक मुस्कुराहट का,
मेरे खुशियों का दीपक तो "वो" ही है...-
अब कुछ बुरा नहीं लगता,
लेकिन कुछ अच्छा भी नहीं लगता,
बस बेमतलब हँसना अच्छा लगता है,
सबको भरम में रखना अच्छा लगता है...-
एक समय के बाद हमें प्यार जताना,
या अपना दर्द दिखाना बंद कर देना चाहिए।
क्यूँकि आपकी वजह से सामने वाला शक्श,
खुद को इन सब का कारण समझने लगता है...-