फर्क है तुझे चाहना और पसंद करना
सवाल बहुत है मग़र जवाब तुम्हारा कुछ भी नहीं।।-
Sahil Singh
(Sahil Singh)
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गुमनाम इश्क़, ख्वाइशें हज़ार
एक को मनाऊँ, दूसरा रूठने को तैयार।।
:--साहिल
Banker by professio... read more
एक को मनाऊँ, दूसरा रूठने को तैयार।।
:--साहिल
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Joined 9 April 2018
29 JAN AT 23:42
26 JAN AT 22:02
वो मेरी यादों में बस रही है ऐसे
मानो जैसे एक पल की जुदाई भी मंज़ूर नहीं।।-
25 JAN AT 22:33
हमनें नजरें क्या फेरी उसने रास्ता ही बदला लिया
थोड़ा अफ़वाह क्या फैलाई उसने हकीकत बना दिया।।-
24 JAN AT 23:12
मोहब्बत का वास्ता दिया है उन्होंने
जो एक वक़्त साथ रहने की कसमें खाती थी।।-
23 JAN AT 23:37
ज़माने की तरफ़ मैं क्या देखू
मेरा तो ज़माना ही तू है
हर लफ़्ज़ मेरा तुझसे मुकम्मल
मेरी दुनिया बस तू है।।-
21 JAN AT 22:39
तुम इतराओ, इतराती हुई तुम अच्छी लगती हो
मेरा क्या है मैं तो तुम्हें देखकर ही खुश हो लेता हूँ।।-
20 JAN AT 22:37
अब मैंने रूठना छोड़ दिया है
वो मनाती है तो मैं मान जाता हूँ
मैं उससे प्यार करने लगा हूँ
वो रोती है तो मैं गले से लगा लेता हूँ।।-