Tuje Sach btane ki koshish me tujko kho rha hu akeli hi parshan nhi Parshan tu akeli nahi haichup chup ke Mai bhi ro rha hu -
Tuje Sach btane ki koshish me tujko kho rha hu akeli hi parshan nhi Parshan tu akeli nahi haichup chup ke Mai bhi ro rha hu
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ज़िसको ज़ान से ज्यादा चाहा हमने उसको देख कर गेर की बाहो मे टूट गया हु मै इस कदर दुआ करता हु कोई बस अब देदे जहर नही हो पारा मुझसे सबार.. -
ज़िसको ज़ान से ज्यादा चाहा हमने उसको देख कर गेर की बाहो मे टूट गया हु मै इस कदर दुआ करता हु कोई बस अब देदे जहर नही हो पारा मुझसे सबार..
अकेलापन इतना भी बुरा नही अकेलापन इतना भी बुरा नहीकभी_कभी खुद से भी मुलाकात ज़रूरी है .. ओर दिल टूटना इतना भी दुखद नही पता होंना अपनी औकात भी ज़रूरी है!!!! -
अकेलापन इतना भी बुरा नही अकेलापन इतना भी बुरा नहीकभी_कभी खुद से भी मुलाकात ज़रूरी है .. ओर दिल टूटना इतना भी दुखद नही पता होंना अपनी औकात भी ज़रूरी है!!!!
Ishq bhi krna hai Izhar bhi krnaa hai Ladai b krni hai tumse or bsh tumhe hi pyar bhi krna hai ..😍😍 -
Ishq bhi krna hai Izhar bhi krnaa hai Ladai b krni hai tumse or bsh tumhe hi pyar bhi krna hai ..😍😍
वो भी थी चंद्रयान-2 सी महीनो की प्यार पल में ठुकरा गई -
वो भी थी चंद्रयान-2 सी महीनो की प्यार पल में ठुकरा गई
हाथ जोड विनती तुझसे विनती है बस एक भारतीय बना दे सबको यहाँ जाती है अनेक ||| #शिवर्तरी #shivratriwish #indiafirst -
हाथ जोड विनती तुझसे विनती है बस एक भारतीय बना दे सबको यहाँ जाती है अनेक ||| #शिवर्तरी #shivratriwish #indiafirst
की मांग कर कैसे शर्मिन्दा करदू उसे ज़िसने बिना मांगे सबकुछ दिया है बीच सफर मे छोड गये थे सब अंत मे तुने ही साथ दिया है !!! #bholenath -
की मांग कर कैसे शर्मिन्दा करदू उसे ज़िसने बिना मांगे सबकुछ दिया है बीच सफर मे छोड गये थे सब अंत मे तुने ही साथ दिया है !!! #bholenath
की झोंकना कुछ ईस तरह है खुदको य़ा तो सोना बनना है य़ा राख हो जाना है !!!! -
की झोंकना कुछ ईस तरह है खुदको य़ा तो सोना बनना है य़ा राख हो जाना है !!!!
धुन्दली सी है राह वो राह जो कभी सुहानी होती थी बचपन की हार रात दिवाली होती थी बड़े हों सपना था अब लगता है बचपन ही अच्छा था कल की परवाह अब आज को स्ताती है उस हासीन बचपन की बड़ी याद आती है -
धुन्दली सी है राह वो राह जो कभी सुहानी होती थी बचपन की हार रात दिवाली होती थी बड़े हों सपना था अब लगता है बचपन ही अच्छा था कल की परवाह अब आज को स्ताती है उस हासीन बचपन की बड़ी याद आती है
उदास हु पर हारा नहीं तानहा हु लेकिन बेचारा नहीं फिर खड़ा होऊगा क्युकी उनका मेरे सिवाये कोई साहारा नहीं उदास हु पर हारा नहीं !! -
उदास हु पर हारा नहीं तानहा हु लेकिन बेचारा नहीं फिर खड़ा होऊगा क्युकी उनका मेरे सिवाये कोई साहारा नहीं उदास हु पर हारा नहीं !!