sahil Sharma   (sahil✒)
209 Followers · 42 Following

read more
Joined 3 November 2021


read more
Joined 3 November 2021
5 JUL 2023 AT 19:26

या उसकी बेवफाई
दिन ढल गया यूं ही खयालों में
मालूम ना था
उसकी निगाहों में सवाल किसका है
उसे मोहब्बत है मुझसे
या कोई वक्त बिताना है
उसकी बातों में कोई फरेब तो नहीं
मगर फिर भी उस से
दिल लगाने को जी चाहता है

-


19 JUN 2023 AT 8:22

लफ्ज़ कहे क्या चीज है खामोशी
हम कहे बेहतरीन है खामोशी

कुछ ना कहकर सब कुछ कह जाती है खामोशी
गम में खामोशी तनहाई में खामोशी
अंधेरे से लेकर परछाई में ख़ामोशी

खामोश है पर कोई चीज जमाने में तो क्या चीज है खामोशी हम कहे बेहतरीन है खामोशी

-


23 APR 2023 AT 10:23

है नाम शायद ऐसा भी कोई जिसने मुझे छुआ है

बदनाम अपनी मोहब्बत भी ऐसी जब हुई तो कोई नहीं मिला है

-


25 MAR 2023 AT 9:38

अब गरीब भूखा रोटी की आस में
दर-दर नहीं भटके गा वह कहेगा
शान से मैं रोजे पर हूं

रमज़ान

-


22 MAR 2023 AT 9:26

दिल की किताब
शायद कोई नहीं समझ सकता

Read the caption

-


14 MAR 2023 AT 10:56

मैं तो कभी नाराज नहीं हुआ उससे ना जाने वह मुझसे क्यों नाराज है
मेरी मसरूफियत से शिकायत थी उसको अब वही मशरूफ है न जाने किन वादियों में
वो रहना चाहे मेरे बिना भी तो रहे वह सुकून से
मगर एक बार बताएं मुझे कि मेरी खता क्या है

-


23 DEC 2022 AT 17:11

Aaj dopahar Kuchh samajh Nahin Aaya jaade ke dinon mein yah tapish kaisi hai
Yun hi bekhayal Kisi ki aahat n jaane jehan mein kya kya khayal umdte hai
Tanhai ke Darichope yah kashish kaisi hai

-


21 DEC 2022 AT 9:41

Ye yaken ye bharosa ye Yaad ye takkaluf ye bahare
Ye khiza ye mosuam ye patjhad ye barish ye hawa k jhokhe ye intajar
sab Kuch To tha mere pass tumhara
FIR kyon tumhari najron me andhere sa hai mere ishq Ka najara

-


8 DEC 2022 AT 10:01

Tumhen shayad is baat ka yakin Nahin
Ki mere dil mein tumhare liye kya tha
Ek bar apni najron se hawas ko utare ke Dekha hota.................

Sach hi likha tha maine bhi k dosti m mohobat jayaj Nahi fir kyu na Mene
Is traha bhi socha hota.........

-


17 NOV 2022 AT 16:09

एक नाम मेरा और तुम्हारा भी
इस के पन्नों में छुपा है एहसास तुम्हारे साथ का
इसकी हर एक कहानी में एक किरदार ऐसा भी जिसे ना मैंने निभाया ना तुमने निभाया
इसमें लिखी हर एक नज्म हर एक गजल मैंने
तुम्हारे हालातों की शायरी से सजाई है
इसमें लिखे गीतों की सरगम पूछ थकी सौ बार
पास भी हो दूर भी हो कौन हो तुम उस पार

-


Fetching sahil Sharma Quotes