Sahil Sharma   (Silent_poetryy)
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Sh*y*ri nh' b*s s*cch*' l'kht* hu
Joined 7 August 2019


Sh*y*ri nh' b*s s*cch*' l'kht* hu
Joined 7 August 2019
5 FEB 2020 AT 21:01

Ek teri hi to muskaan hai..
Jo khush kar jati hai... 😊😊
Read caption👇👇
@sahil

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22 SEP 2019 AT 22:40

मेरे लफ्ज़ से लिपटा इश्क़ है तू,
तू मेरे हर शब्द की पहली चाहत है,
रह नहीं सकता तेरे बिना अब.....
तेरे इश्क़ की मुझको आदत है।
तेरे इश्क़ की मुझको आदत है।।
😊😊
@sahil

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19 SEP 2019 AT 1:28

बदला नहीं हूँ मैं अभी
बस बेबस बेहाल हूँ....
तेरे पूछे हर एक सवाल का,
चुप रहकर भी जवाब हूँ ..
याद हैं मुझे कस्मे मेरी ,
तुझे किये वादे भी याद हैं...
आज भी मेरी जुबां पर..
एक तेरे ही ज़िक्र का स्वाद् है।
....
.....
.....
.....बदला नहीं हूँ मैं अभी...

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1 SEP 2019 AT 9:38

तेरे इश्क़ में ,मेरे इश्क़ में बस फर्क इतना है,
तुझे मुझसे पहले हुआ था कभी ,
पर मुझे तुझसे है आज भी।

पर गज़ब की बात तो ये है..
तू आज लोगो को इश्क़ के मायने सिखाया करता है,😅😅
और हम इश्क़ न करने की सलाह ।😔😔
@sahil

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31 AUG 2019 AT 22:10

दुनिया की परवाह न कर ,
तू चल,और बस चलता चल..
चुभते कांटो पे आह न भर,
तू चल ,और बस चलता चल......
रोकेंगे,तुझको रोकने वाले,
बेमतलब उनसे बात न कर,
तू चल ,और बस चलता चल...
सुन,मंजिल अब दूर नहीं,
बस थोड़ी और तू हिम्मत भर,
पहुंच न जाए जबतक तू साहिल तक,
तू चल ,और बस चलता चल।
तू चल और बस चलता चल।।
@sahil

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20 AUG 2019 AT 13:35

दुनिया की परवाह न कर ,
तू चल,और बस चलता चल..
चुभते कांटो पे आह न भर,
तू चल ,और बस चलता चल......
@sahil....

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12 AUG 2019 AT 8:58

जो बढ़ चलें हैं ये कदम,
इन्हें पीछे न हटने दूंगा ,
हाँ शायद हार मिले कई बार ,मगर,
अब सिर न ये झुकने दूंगा ।
@sahil

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12 AUG 2019 AT 7:03

हूँ अकेला,कोई साथ नहीं..
छोड़ यार कोई बात नहीं..
बस कुछ हैं, जो अपने है..
हैं जरा दिल के पास..
बाकी अब उनके सिवा..मेरा कोई खास नहीं ।
@sahil

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12 AUG 2019 AT 6:39

निकले थे खुद की तलाश में,बन मुसाफिर हम
कभी,
तुमसे क्या मिले ,
ये सफ़र ही थम गया ।।
@sahil

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10 AUG 2019 AT 17:24

काम बेशक कठिन है,
मगर करना तो पड़ेगा...
Competition का दौर है साहब ,
लड़ना तो पड़ेगा ।
जो भूल रहे हो बात,
याद दिलाना तो पड़ेगा.....
जो समझ न पाए आज,
कल पछ्ताना भी पड़ेगा ।।


Jiyo to khul ke aaj me hi,
par kal ki parvaah bhi sath me ho,
Bharosa nahi ,pr ek ummeed to hai,
Ek nayi subah ko dekhne ki.
@sahil

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