इतना तमाशा क्यों जब पाता है कि हर साल हर साल बदलता है !!
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याद रखना उस उम्र से चाह रहा हूँ तुम्हे, जिस उम्र मे जिस्म से वाकिफ भी नहीं था मै,,
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जा ही_रहे_थे_जब
जा ही रहे थे जब तो साथ अपने
वो सारी मुलाकातें भी ले जाते
बिताई थी जो कभी साथ साथ
वो तमाम रातें भी ले जाते......
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एक दर्द दिल में है आज,
जज़्बात भी मेरे उदास है आज,
है कई रिश्ते साथ मेरे,
फिर भी एक तन्हाई का
एहसास है आज,
ना जाने क्यो रुकती नहीं,
ये जो अश्को की बरसात ,
ना दिन गुज़र रहा है ना रात,
बस तेरे बिना ,
ज़िंदगी उदास है मेरी आज!
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ख़त मुहब्बत के सारे जला दीजिए,
यूं मुझे आशिकी में दग़ा दीजिए
आपके दर्द की हूं अगर मैं सबब,
हो सके तो मुझे अब भुला दीजिए
इश्क़ का रोग होता ही है बे-दवा,
आप मुझको न कोई दवा दीजिए.....!!
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फिर कभी, बेवजह,यूं किसी से मुंह न फेरना
फिर जब कभी किसी दूसरे का हाथ थामना
मेरे हिस्से का प्यार भी उसे देना
हां....फिर कभी आधा इश्क करके बीच राह में किसी को मत छोडना....💔-
ख़ुदा ने क्यूँ दिल-ए-दर्द-आश्ना दिया है मुझे
इस आगही ने तो पागल बना दिया है मुझे
तुम्ही को याद न करता तो और क्या करता
तुम्हारे बा'द तो सभी ने भुला दिया है मुझे,
सऊबतों में सफ़र की कभी जो नींद आई
गिरे बदन की थकन ने उठा दिया है मुझे ..!!-
सुबह तेरी बातों में,दोपहर तेरे ख्यालों में
शाम तेरे इंतज़ार में
रात तेरी यादों में गुज़रती हैं
भला कौन कहता हैं ये इश्क़ फुर्सत का काम हैं
हमें तो वक्त कम पड़ जाता हैं
इश्क़ को सँवारने मे.-