Kaise bhulu nani uss waqt ko jb tmne maa ka farz nibhaya tha
Maa se zyada mujhe tera daaman bhaya tha
Koi chot ya zara si kharoch ho ,Halke se bukhar me bhi Nani aapne gale se lgaya tha
Meri aankhein num hone pr tune apne ashq bhaya tha
Baal safed Chehre pr noor nazar aaya tha
Tujhe pta hai kya maine tere marz ko janne ke baad akele me kitne ashq bahaya tha
Tujhe pta nhi hai kya teri yaad kitni aati hai
Ek din to maine aadhi raat me bhi qabristan ki diwar se chalang lgaya tha
Koi bhi baat ho na to usme teri baat aa hi jaati hai Aaj bhi tbyt khraab ho meri to teri yaad aajati hai
Dakhil hota hu uss ghar me to aakhein teri ek jhalak ko taras jaati hain
Chahe koi tyohar ho ya Kisiki shaadi ki baat ho wahan pr aakhein bs tujhe dhoondhti reh jaati hain
Ab harr jagah teri qasar reh hi jaati hai
Ab to ammi bhi kisise phone pr baat krte nhi nazar aati hain
Ab zyada keh nhi paunga lafzo me bs itna khunga ki teri yaad boht aati hai
Kuch bhi ho teri kami reh hi jaati hai
Meri Nani maa tumhari yaad boht aati hai-
Poet by Heart
Writer by Soul
Insta id - @sahilkhan_.786
Zeenatein Khoobsurat hain mgr teri haseen saadgi pe hum aaj bhi marte hain
Pehle dua naa kiya krte the kbhi
Ab tahajjud me bhi tere liye ro padte hain ❤️😢🥺
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Dil ne kha mohabbat hai
Dimag ne pucha dhokha to nhi khaoge
Dil ne kha Sawaal hi nhi uthta
Dimag ne pucha tut to nhi jaoge
Dil ne kha wo wafadaar hai
Dimag ne kha shayad tera pehla pyaar hai
Dil ne kha usey bhi mujhse pyaar hai
Dimag ne kha galti tumhari nhi sbki galatfehmi ye aam hai
Dil ne kha uski rooh pak hai dil saaf hai
Dimag ne pucha kya pta uske pass shaatir dimag hai
Dil ne kha ye kya bakwas hai
Dimag ne muskura kr kha jaa karle mohabbat aey dil waqt waqt ki baat hai-
हम तो आम जनता हैं साहब , हमें सिर्फ़ इलेक्शन के वक़्त याद किया जाता है ।
बाद में हम जिए-मरें उनका क्या जाता है ।
वो तो कुर्सी पर बैठ किसी और राज्य में सरकार बना रहे हैं ।
हिंदू-मुस्लिम भाईं चारे में आग लगा रहे हैं ।
बहुत जल्द फिर उनके दिखावे का आग़ाज़ हो जाएगा , जो मरे हैं और मर रहे हैं उन पर अचानक अफ़सोस आजाएगा ।
फिर हो मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री कोरोना वाले घर में खाना खा के आएगा ।
कोरोना झट पट से छू हो जाएगा ।
इनका चला बस अगर तो हर नेता ऑक्सिजन सिलेंडर भी पीठ पर लाद घर देने आएगा ।
देख लेना तुम बहुत जल्द ये हक़ीक़त हो जाएगा ।
जैसे ही मुल्क में इलेक्शन पास आएगा ।
ये बहाएगा अश्क़ झूटे तुमसे दिये-मोमबत्तियों के साथ ताली-थाली भी बजवाएगा ।
लिख के लेलो आज मुझसे बहुत जल्द ये वक़्त आएगा ।
लिख के लेलो आज मुझसे बहुत जल्द ये वक़्त आजाएगा ।
- साहिल खान-
वो घर कुछ पुराना सा था ,
मेरी बचपन की यादों सा था ,
सहेजे कई सपने कोई गले से लगाया करता था ,
कुछ दिन बीत नही पाते थे मै मिलने पहुँच जाया करता था ,
उम्र ज़्यादा बाल सफ़ेद थे ,
चेहरे की मुस्कान से सुकून आ जाया करता था , वो आशियाँ कितना प्यारा था जिसे मै अपनी नानी का घर बताया करता था ,
वो शख़्स कितना ख़ास था जिसकी आँखों में मेरे लिए सिर्फ़ प्यार नज़र आया करता था ,
इंसान के रूप में फ़रिश्ता था वो जिसे मै अपनी नानी बताया करता था ।
- साहिल खान-
वो ला इल्म क्या जाने हक़ीक़त क़ुरान की
बारीकियाँ इस्लाम की
नाम से मुसलमान है वो यज़ीद
वो क्या जाने शहादत इस्लाम की
वकार की फ़िक्र नही है ऐ ग़ाफ़िल
साहिब-ए-मसनद के क़रीबी बनना चाहते हैं
कमबख्त साहिब-ए-आलम को ख़फ़ा करना चाहते हैं
सूरह अल-हिज्र की बात को झुटलाओगे कैसे
फ़रमान-ए-खुद , फ़रमान-ए-रसूल बदल पाओगे कैसे
लगता है दज्जाल का चेहरा तुम ही बन जाओगे
क़यामत के रोज़ सिर्फ़ तुम ही नही दफ़नाये जाओगे
मैदान-ए-हश्र मे खुदा से नज़रें ना मिला पाओगे
रसूल को अपना चेहरा कैसे दिखाओगे ?
ऐ मलून तुम क़यामत के रोज़ क्या किसिका दामन थाम पाओगे ?
ख़ौफ़-ए-खुदा है नही दिल मे तुम्हारे
अज़ाब-ए-क़ब्र से तुम बच नही पाओगे
कुफ़्र मे हो जा चुके तुम ,
जहन्नुम मे भी अब जगह ना पाओगे ।
- साहिल खान-
Wo laa ilm kya jaane haqeeqat quran ki
bariqiyan islam ki
Naam se musalmaan hai wo yazeed
Wo kya jaane shahaadat islaam ki
Waqar ki fikr nhi hai aey Ghafil
Sahib-e-Masnad ke qareebi banna chahte hain
Kambakht Sahib-e-Alam ko khafa krna chahte hain
Surah Hijir ki baat ko jhutlaoge kaise
Farman-e-Khuda Farman-e-Rasool badal paoge kaise
Lagta hai Dajjal ka chehra tum hi bann jaoge
Qayamat ke roz sirf tum hi nhi dafnaye jaoge
Maidan-e-Hashr me khuda se nazre na mila paoge
Rasool ko apna chehra kaise dikhaoge
Aey Maloon tum qayamat ke roz kya kisika daaman thaam paoge
Khauf-e-Khuda hai nhi dil me tumhare
Azaab-e-Qabr se tum bach nhi paoge
Qufr me ho jaa chuke tum
Jahannam me bhi jagah na paoge-
हिंदू थी मुसलमान थी ,
दरिंदो के भेंट चढ़ी बेटी भी इंसान थी ।
किसी की उम्र 5 थी तो कोई 20 साल की जवान थी ।
शहज़ादियों की तरह पाला था माँ-बाप ने ,
माँ-बाप की लाज थी ।
किसिने बुर्खा पहना था , तो किसिके जिस्म पर साड़ी-सलवार थी ।
नाज़ुक थी नादान थी , दुनिया की हैवानियत से अंजान थी ।
किसिको हवस बुझानी थी तो किसिको मज़हब की जलन सरेआम थी ।
दरसल दरिंदों को जिस्म की भूख़ खुलेआम थी ।
कोई डॉक्टर थी तो कोई मरीज़ थी , कोई स्कूल जाती हुई नादान थी ।
नौकरी करके बेख़ौफ़ लौट रही वो पीढ़िता भी एक बाप के चेहरे की मुस्कान थी ।
चाहे हो निर्भया या आसिफ़ा , प्रियंका रेडी जैसी बेटियों की बनावट भी सबकी बहन जैसी ही आम थी ।
जितनी बार चीखी है बेटी , भारत माँ की इज़्ज़त लुटी उतनी बार थी ।
इंसाफ़ की आवाज़ उठाए माँ-बाप ने सड़कों पर खायी लाठियाँ ,
क्या क़सूर था उनका की एक बेटी उनकी औलाद थी?
- साहिल खान-
बाबा अपनी गुड़िया के हौसले को तो देखो ,
इतना ज़ुल्म सेहने के बाद भी ,
मैने 8दिन ज़िंदगी मौत की जंग लड़ी ।
लेकिन ये ज़माना बहुत ज़ालिम है बाबा ,
मै आज ये जंग हार ही गयी ।
मेरा चले जाना भी ज़रूरी है बाबा ,
मेरे मिल्क में इंसाफ़ मौत के बाद ही मिलता है ।
जीते जी कहाँ कोई हमारी सुनता है ।
बाबा मेरे लिए इंसाफ़ की आवाज़ उठाना ।
वो डराएँगे , वो झुकाएँगे
तुम फिर भी डर ना जाना ।
अब तो हक़ की आवाज़ उठाना ।
किसी और का गुड़िया बनने से पहले ,
उन दरिंदो को सज़ा दिलाना ।
बाबा अब रुक ना जाना , बाबा अब झुक ना जाना ।
- साहिल खान-
बाबा बाबा आज उन दरिंदो ने फिर अपनी मर्दानगी दिखायी है ,
मेरे ऊपर अपनी ताक़त आज़मायी है ।
बाबा मैने कोशिश की थी उनसे बचने की
लेकिन आप तो जानते हैं ना बाबा
हमारे यहाँ तो अक्सर जुल्म होता है हम पर
बाबा मैने मदद माँगने की भी कोशिश की थी ,
मदद के लिए आवाज़ लगा रही थी
चीख रही थी , चिल्ला रही थी ।
लेकिन बाबा तेरी गुड़िया की तो ज़ुबान ही काट दी उन बुज़दिल दरिन्दों ने
कहा तू लायक़ नही है ज़िंदगी के
इज़्ज़त पर तो हाथ डाला
ज़िंदगी भी छीन ली मुझसे
बाबा इंसाफ़ चाहिए मुझे थम मत जाना रुक मत जाना ।
मुझे इंसाफ़ चाहिए बाबा ,
अपनी गुड़िया के लिए हक़ की आवाज़ उठाना ।
– साहिल खान-