।। परिवार के किस्से ।।
प्यार, परिवार औऱ रिश्ता
कहने को कुछ शब्द है
पर होते बड़े अनमोल है
खुशियों मे हाथ बढ़ाना , गम मे साथ होना
यही तो फितरत होती है परिवार की
जाने अनजाने गलती हो जाए
तो मुस्कुरा कर सही राह दिखाना
वो पेड़ो की टहनियो सा थामकर रखना
जैसे आसमान से बूंदों का गिरना
हाँ जैसे पापा का प्यार,
माँ का दुलार, भाई-बहन की मस्ती,
दादी-दादा, नानी-नाना का आशीर्वाद
यही तो फितरत होती है परिवार की
अच्छे मे अच्छाई
तो बुरे मे भी अच्छाई
खोज जीना सिखाते हैं
लड़खड़ाते कदमों से
हमें चलना सिखाते हैं
भूतो की कहानी, हास्य भरी दास्तां
ना जाने क्या क्या बतलाते
बरसो बीत जाते हैं
दिनभर की थकान मे
जो लोग फिर भी बचपन की बात सुनाकर
हमारे चेहरे पर मुस्कुराहट
और हमारी थकान मिटाते हैं
~~साहिल अग्रवाल
-