Sahil Agrawal   (Deeplywritten.अल्फ़ाज़)
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Joined 13 June 2019


Joined 13 June 2019
14 JAN 2022 AT 16:32

ना ये वक्त खुशी के है
ना लम्हात खुशी के है
ना ही कोई जज्बात खुशी के है
थोड़ी सी मुस्कुराहट की दुआ मांगी थी रब से
ना ही मिले इकरार खुशी के है
दिखावे के लिए हस भी देते है
बिना मन के हम कह भी देते है
कि ठीक है हम चलो रहने ही देते है
पर ना ही ये हसी खुशी के है
और ना ही कहे ये अल्फाज खुशी के है
अब बस करो यूँ सताना मेरे रब
अब नहीं होता है सब्र



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19 NOV 2021 AT 18:47

उनकी आखों की कशिश देखी मैंने
एक सुकुन सा मिला इस दिल को
तेरी यादों में रात गुजारा हमने
तेरे सजदे किया इस मन को
कभी शाम गुजारों हमारे साथ
तुझे दास्तान-ए-इश्क सुनाएँ
वक्त देकर देखा क्या तुमने
तेरे कदमों पर रख दू कायनात को

#दास्तान-ए-इश्क

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27 SEP 2021 AT 23:22

You will be always sufficient to make solutions
Because a problem never leaves you

That's the life for which we fight.

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17 SEP 2021 AT 20:00

मुसाफ़िर हूँ उन राहों का
जिसने मुझे जीना सिखाया
लड़खड़ाते कदमों ने
उठकर चलना सिखाया
साथ में चलकर राहों में
सिर्फ गड्ढे मिले हैं
अपने जज्बे के साथ मुस्कुराकर
नये मोड़ पर निकलना सिखाया

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10 SEP 2021 AT 23:22

महामारी के इस दौर पर
दूरी बनाए चलना है
त्यौहार तो बहुत से आएंगे
हमें जान बचाए चलना है
इन सभी के बावजूद इन्हें
क्यूँ जश्न मनाते चलना हैं
घर पर रहकर स्वास्थ्य को
स्वस्थ बनाए चलना है

Go corona go
एक लड़ाई कोरोना के खिलाफ

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10 AUG 2021 AT 22:33

||श्याम मुरली वाले||

तू पग पग चलता जाये रे
मेरे श्याम मुरली वाले
कभी रास रचाये गोपियों संग
कभी माखनचोर बन जाये

ओ श्याम मुरली वाले
तेरी मुरली कितनी मधुर है रे
शेषनाग से लड़ता तू
तुझे भय जरा ना आए
कभी गोवर्धन को थामे तू
अति मन जोग जगाये

राम बनके कभी श्याम बनके
इस सृष्टि को रचाये रे
दर्शन मात्र जगत मे तू
अनेक रूप मे आए
मेरे श्याम मुरली वाले

द्रौपदी के वस्त्र हरण से
महाभारत तूने रचाया है
अहंकारी कंश को भी
मौत के घाट उतारा है
जग मे सबका प्यारा है
मेरे श्याम मुरली वाले

~ साहिल अग्रवाल

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1 AUG 2021 AT 9:34

Mujhse dur sahi par tu paas h
Sachche ka tu hi toh ehsaas h
Meri yaari me tu dooba har baar h
Mera yaar tu meri jaan h

Happy friendship day to all my beloved friend

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28 JUL 2021 AT 21:00

---किताब-ए-दगा---
आधे अधूरे सपनों को आबाद कर देना
बिखरे मेरे जज्बातो को थोड़ा सवार देना
थोड़ा गम मुझे भी हैं तेरे दूर जाने की
आँखों मे आँसू रख जरा मुस्कुरा देना
बन पड़े तो एक किताब बना देना

मेरे काली रातों को थोड़ा सवार देना
सजदे मे उसके जवाब जरा दे देना
तेरी दगाबाजी का हिसाब भी दे देना
मेरी धड़कनो को मुझसे मिला देना
बन पड़े तो एक किताब बना देना

चल चले नए सफर मे
मेरे दिल मे मुझे रहने की इजाजत भला दे देना
बन पड़े तो एक किताब बना देना

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22 JUL 2021 AT 22:53

वक्त से जरा रूबरू होना सिखों
क्योंकि वक्त किसी की मोहताज नहीं होती

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28 MAY 2021 AT 21:47

।। परिवार के किस्से ।।

प्यार, परिवार औऱ रिश्ता
कहने को कुछ शब्द है
पर होते बड़े अनमोल है
खुशियों मे हाथ बढ़ाना , गम मे साथ होना
यही तो फितरत होती है परिवार की

जाने अनजाने गलती हो जाए
तो मुस्कुरा कर सही राह दिखाना
वो पेड़ो की टहनियो सा थामकर रखना
जैसे आसमान से बूंदों का गिरना
हाँ जैसे पापा का प्यार,
माँ का दुलार, भाई-बहन की मस्ती,
दादी-दादा, नानी-नाना का आशीर्वाद
यही तो फितरत होती है परिवार की

अच्छे मे अच्छाई
तो बुरे मे भी अच्छाई
खोज जीना सिखाते हैं
लड़खड़ाते कदमों से
हमें चलना सिखाते हैं
भूतो की कहानी, हास्य भरी दास्तां
ना जाने क्या क्या बतलाते
बरसो बीत जाते हैं
दिनभर की थकान मे
जो लोग फिर भी बचपन की बात सुनाकर
हमारे चेहरे पर मुस्कुराहट
और हमारी थकान मिटाते हैं
~~साहिल अग्रवाल

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